धोनी के संन्यास में कोरोना की भी भूमिका, वर्ना वह टी20 वर्ल्ड कप भी खेलते: युजवेंद्र चहल

MS Dhoni, Yuzvendra Chahal: टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि धोनी के संन्यास में कोविड-19 की भूमिका अहम है, वर्ना वह टी20 वर्ल्ड कप भी खेलते

By भाषा | Published: August 19, 2020 07:08 AM2020-08-19T07:08:52+5:302020-08-19T07:09:09+5:30

Coronavirus played a role in Dhoni's retirement: Yuzvendra Chahal | धोनी के संन्यास में कोरोना की भी भूमिका, वर्ना वह टी20 वर्ल्ड कप भी खेलते: युजवेंद्र चहल

चहल ने कहा कि धोनी की वजह से उन्हें और कुलदीप को सफलता मिली (Twitter)

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Highlightsधोनी के संन्यास में कोरोना का भी हाथ है, अगर ऐसी स्थिति नहीं होती तो वह टी20 वर्ल्ड कप भी खेलते: चहलधोनी के कारण मुझे और कुलदीप यादव को सफलता मिली। विकेट के पीछे से वह हमारी काफी मदद करते थे: चहल

नई दिल्ली: भारत के सीमित ओवरों के स्पिन गेंदबाज युजवेन्द्र चहल ने कहा कि करिश्माई विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी के संन्यास में कोविड-19 की भी भूमिका रही। उन्होंने कहा कि अगर महामारी के कारण टी20 विश्व कप नहीं टलता तो यह पूर्व कप्तान उसमें खेल सकता था।

धोनी क्रिकेट जगत में इकलौते कप्तान है जिन्होंने आईसीसी की सभी ट्रॉफियां जीती हैं। उन्होंने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी ने वनडे में अपना आखिरी मैच पिछले साल जुलाई में विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था।

इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले विश्व कप में वह खेल सकते है लेकिन इस वैश्विक महामारी के कारण इस टूर्नामेंट को 2022 तक टाल दिया गया।

धोनी के संन्यास में कोरोना का नाम: युजवेंद्र चहल

चहल ने न्यूज18 इंडिया के विशेष कार्यक्रम चौपाल में कहा, ‘‘धोनी के संन्यास में कोरोना (वायरस) का भी हाथ है, अगर ऐसी स्थिति नहीं होती तो वह विश्व कप (टी20) भी खेलते।’’ चहल ने कहा कि धोनी अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल सकते थे। हरियाणा के इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा , ‘‘मैं अब भी चाहता हूं कि वह खेलें।’’

भारत के लिए 52 एकदिवसीय और 42 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले चहल ने कहा, ‘‘धोनी के कारण मुझे और कुलदीप यादव को सफलता मिली। विकेट के पीछे से वह हमारी काफी मदद करते थे। अगर धोनी रहते है तो मेरा 50 प्रतिशत काम खुद ही हो जाता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘धोनी को पहली गेंद से पहले ही पिच के बारे में पता रहता था। जब धोनी नहीं रहते है तो हमें पिच की प्रकृति को समझने में दो ओवर लग जाते हैं।’’ 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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