हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत का महिला टी20 वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया है। शुक्रवार को खेले गए सेमीफाइनल में भारतीय महिला टीम को इंग्लैंड ने 8 विकेट से हराते हुए फाइनल में जगह बना ली।
पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम 19.3 ओवर में 112 रन पर सिमट गई और इंग्लैंड ने इस लक्ष्य को सिर्फ 17.1 ओवर में ही 2 विकेट खोकर 116 रन बनाते हुए हासिल कर लिया। इस मैच में सबसे ज्यादा चर्चा रही स्टार भारतीय क्रिकेटर मिताली राज को टीम से बाहर रखने की।
मिताली राज को न चुनकर आलोचकों के निशाने पर आए कप्तान और कोच
टॉस के समय कप्तान हरनप्रीत कौर ने प्लेइंग इलेवन की जानकारी देते समय ये कहकर सबको चौंका दिया कि उन्होंने 'विंनिंग कॉम्बनेशन' बनाने के लिए मिताली को टीम में नहीं लिया है जबकि वह फिट हैं। हरमनप्रीत ने टॉस के बाद कहा था, 'मिताली राज टीम में नहीं हैं। हम उसी प्लेइंग इलेवन के साथ खेल रहे हैं। हम विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ खेल रहे हैं।'
मिताली राज आयरलैंड के खिलाफ मैच में चोटिल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में नहीं खेली थीं, लेकिन सेमीफाइनल से पहले फिट होने पर उनका इस मैच में खेलना तय लग रहा था, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने इस स्टार खिलाड़ी को न चुनकर सबको हैरत में डाल दिया और अब भारतीय टीम की हार के बाद वह आलोचकों के निशाने पर है।
मिताली को बाहर करने के फैसला इसलिए भी हैरान करने वाला था क्योंकि उन्होंने इस टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान (56) और आयरलैंड (51) के खिलाफ लगातार दो मैचों में अर्धशतक जड़े थे। सेमीफाइनल में स्मृति मंधाना (34) और जेमिमा रोड्रिग्स (26) को छोड़कर कोई भी और भारतीय बल्लेबाज ज्यादा देर टिक नहीं सकीं। खुद कप्तान
हरमनप्रीत कौर 16 रन ही बना सकीं।
भारत की इंग्लैंड के हाथों 8 विकेट से करारी शिकस्त के बाद सोशल मीडिया में फैंस ने कोच रमेश पवार, कप्तान हरमनप्रीत कौर और टीम मैनेजमेंट को मिताली राज को जमकर ट्रोल किया। कुछ फैंस ने इस फैसले की तुलना वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में धोनी को ड्रॉप किए जाने से की। इतना ही नहीं कुछ फैंस ने तो टीम के कोच रमेश पवार की तुलना टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल से करते हुए उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग तक कर दी।
सेमीफाइल में स्मृति मंधाना और जेमिमा की बैटिंग की बदौलत भारत ने एक समय 2 विकेट पर 89 रन बना लिए थे लेकिन इन दोनों के आउट होते ही भारतीय बैटिंग ढह गई और भारत ने अपने आखिरी 7 विकेट सिर्फ 27 गेंदों में गंवा दिए और 112 रन पर सिमट गई और पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल खेलने का मौका गंवा दिया।