Highlightsपुजारा को कई बार अपनी धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचना का सामना करना पड़ता है।चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि मैं लोगो का मनोंरजन करने के लिए कभी बल्लेबाजी नहीं करता।
भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को कई बार अपनी धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचना का सामना करना पड़ता है और लोग उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल करने लगते हैं। लेकिन पुजारा ने इन सबके बाद भी अपने खेलने के अंदाज में कभी बदलाव नहीं किया है।
अब पुजारा ने बताया है कि वह ट्रोलर्स से कैसे निपटते हैं और साथ ही कहा कि लोग उनके खेल को समझने में विफल हैं। उन्होंने कहा कि मैं लोगो का मनोंरजन करने के लिए कभी बल्लेबाजी नहीं करता।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में पुजारा ने कहा, 'आप सोशल मीडिया के लिए बल्लेबाजी नहीं कर सकते। उनमें से कई मेरे खेल और टेस्ट क्रिकेट को नहीं समझते हैं, क्योंकि वे अधिक टी20 और वनडे क्रिकेट देखते हैं।
पुजारा ने कहा, 'लोग कहते हैं यार ये तो बहुत बोर कर रहा हैं, कितना बॉल खेल रहा है। कृपया एक बात समझ लें, मेरा उद्देश्य किसी का मनोरंजन करना नहीं है, मेरा उद्देश्य अपनी टीम के लिए जीतना है, चाहे वह भारत या सौराष्ट्र के लिए हो।'
उन्होंने आगे कहा, 'किसी दिन मैं तेजी से बल्लेबाजी करता हूं और किसी दिन मैं धीमी बल्लेबाजी करता हूं। मैं क्रिकेट प्रेमियों का सम्मान करता हूं, मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो छक्के मार सके।'
ट्रोलर्स को लेकर पुजारा ने कहा, 'मैं सोशल मीडिया से बचने की कोशिश करता हूं। जब मैं खेल रहा होता हूं तो मैं सोशल मीडिया को फॉलो नहीं करता। मैं मनोरंजन के लिए बल्लेबाजी नहीं कर रहा हूं।'
बता दें कि चेतेश्वर पुजारा हाल ही में रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनने वाली सौराष्ट्र टीम का हिस्सा थे। पुजारा ने फाइनल मैच की पहली पारी में 237 गेंदों में 66 रन बनाए थे। सौराष्ट्र ने बंगाल को हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम की थी।
रणजी की अपनी पारी पर चेतेश्वर पुजारा ने कहा, 'पहली पारी में मैंने कुछ 200 गेंदों का सामना किया और करीब 60 रन बनाए, लेकिन मुझे और मेरे साथियों को पता था कि विकेट कितना कठीन है। यह एक फाइनल था और मेरे कंधों पर जिम्मेदारी थी। धीमी गति से बल्लेबाजी करने में कुछ भी गलत नहीं है और यह स्थिति पर निर्भर करता है।'
पुजारा ने आगे कहा, 'यदि स्थिति आसान नहीं है और मुझे पता है कि मैं अपने शॉट्स नहीं खेल सकता तो मैं नहीं खेलता हूं। पिच के अनुसार खेल बदलता पड़ता है। न्यूजीलैंड की तरह, जहां पिचें अधिक चुनौतीपूर्ण थीं।'