Highlights3 महीने बाद चेतेश्वर पुजारा की मैदान पर वापसी।कोरोना के बीच नेट पर चेतेश्वर पुजारा का अभ्यास।हफ्ते में तीन दिन 20-25 मिनट बल्लेबाजी कर रहे पुजारा।
भारत के विशेषज्ञ टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा मध्यक्रम में मानसिक दृढ़ता और डटकर खेलने के लिये जाने जाते हैं और उन्होंने कहा कि इन्हीं गुणों ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू ‘लॉकडाउन की परेशानियों’ से निपटने में उनकी मदद की।
3 हफ्ते बाद नेट पर वापसी: राजकोट के इस क्रिकेटर ने तीन महीने बाद इस सप्ताह नेट पर वापसी की। वह रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र की पहली खिताबी जीत के सूत्रधार थे। पुजारा ने कहा, ‘‘कभी तो नेट पर लौटना ही था और यह जरूरी है। मैदान पर जाकर ही सूरज की रोशनी में और बाहर के माहौल में खेलने की आदत बनती है। अधिकांश खिलाड़ी लंबे समय से इंडोर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में तो गेंद का अनुभव भर करना है चूंकि अभी क्रिकेट शुरू होने में लंबा समय लगेगा। मुझे नहीं लगता कि अगले दो तीन महीने में कोई श्रृंखला होगी। इसलिये धीरे-धीरे आगे बढना होगा।’’
लॉकडाउन में इससे मिली मदद: पुजारा ने कहा कि मानसिक रूप से दृढ़ होने से ही उन्हें लॉकडाउन में मदद मिली। पुजारा ने कहा, ‘‘यदि आप मानसिक तौर पर मजबूत हैं तो लंबे ब्रेक में भी असहज नहीं होंगे। टेस्ट मैच ज्यादा नहीं होते तो घरेलू क्रिकेट खेलते रहना होता है। मेरे लिये यह बड़ी बात नहीं थी। मैं तरोताजा होकर नये जोश के साथ खेलूंगा। मेरे लिये मानसिक चुनौती बड़ी बात नहीं है।’’
हफ्ते में तीन दिन अभ्यास: सौराष्ट्र के अपने कुछ साथी खिलाड़ियों के साथ अपनी अकादमी में अभ्यास करने वाले पुजारा अभी हफ्ते में तीन दिन 20-25 मिनट बल्लेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार बाहर आने के बाद अलग अहसास होता है। यहां वैसा अभ्यास नहीं हो रहा है जैसा टीम के साथ करते हैं लेकिन कम से कम कुछ तो कर रहे हैं। सामाजिक दूरी के निर्देशों का पालन करते हुए अभ्यास शुरू करना अहम था।’’
लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया है। लंबे ब्रेक के बावजूद उन्हें कभी लय खोने का अहसास नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा कभी नहीं लगा क्योंकि मैने चोट के कारण लंबे ब्रेक के बाद वापसी की है। चोट के बाद वापसी करना तो और कठिन होता है। पहला सप्ताह कठिन है लेकिन उसके बाद सामान्य हो जायेगा क्योंकि अनुभव काफी मायने रखता है और हम लंबे समय से खेल रहे हैं।’’