भाजपा और कांग्रेस सांसदों ने पटाखों पर प्रतिबंध के बीच कामगारों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया

By भाषा | Published: November 15, 2020 09:48 PM2020-11-15T21:48:51+5:302020-11-15T21:48:51+5:30

BJP and Congress MPs raise issue of plight of workers amid ban on firecrackers | भाजपा और कांग्रेस सांसदों ने पटाखों पर प्रतिबंध के बीच कामगारों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया

भाजपा और कांग्रेस सांसदों ने पटाखों पर प्रतिबंध के बीच कामगारों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया

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चेन्नई, 15 नवंबर कई राज्यों में पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर छिड़ी बहस , रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि द्वारा इस फैसले की तार्किकता और अन्य प्रदूषकों के बारे में सवाल उठाने के साथ ही जारी रही।

सोशल मीडिया पर दक्षिणी तमिलनाडु में पटाखा उद्योग के राष्ट्रीय केंद्र शिवकाशी में कार्यरत लाखों कामगारों की दुर्दशा को लेकर हो रही चर्चा में भाजपा के रवि और कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर सहित कई लोग शामिल हुए।

वामपंथी दलों ने भी जोर देकर कहा कि प्रतिबंध के कारण इस वर्ष करोड़ों रुपये के पटाखे नहीं बिक पाए और उन्होंने इस उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया।

कई राज्यों ने इस साल कोविड-19 महामारी और पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

देश भर के लोगों ने प्रतिबंधों के बीच त्योहार मनाया। दीवाली के एक दिन बाद तमिलनाडु में पार्टी के प्रभारी रवि ने कहा कि करीब दस लाख लोग पटाखा उद्योग पर निर्भर हैं।

उन्होंने ट्वीट किया,‘‘तमिलनाडु में शिवकाशी वह जगह है जहां पटाखे बनाए जाते हैं और लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। यदि सरकारें या अधिकरण दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, तो उन्हें अब सभी प्रयोजनों पर पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। किसी भी क्रिकेटर या अभिनेता को शादी-समारोह में पटाखों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।”

ट्विटर पर पटाखों पर प्रतिबंध के मद्देनजर श्रमिकों की दुर्दशा और उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की जरूरत के बारे में ट्वीट करने वाले एक उपयोगकर्ता के समर्थन में भगवा पार्टी के नेता ने कहा कि वह इस विचार से सहमत हैं।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा,‘‘मैं सहमत हूं। पटाखा उद्योग पर निर्भर शिवकाशी में उन लोगों को वैकल्पिक नौकरियां प्रदान की जानी चाहिए। उसके बाद ही पूरे भारत में पटाखे प्रतिबंधित होने चाहिए।”

एक अन्य ट्वीट के जवाब में रवि ने कहा कि वह पटाखे पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘‘एक हिंदू के रूप में, मैं नहीं चाहता कि कोई हस्तक्षेप करे या हमें ज्ञान दे कि हमारे त्योहारों को कैसे मनाया जाए। मैं पटाखों पर मनमाने ढंग से प्रतिबंध के खिलाफ हूं जो शिवकाशी में पटाखे उद्योग पर निर्भर लाखों तमिल मक्कल लोगों की आजीविका को प्रभावित कर रहा है।”

भाकपा के राज्य सचिव आर मुथारसन ने कहा कि शिवकाशी के छोटे निर्माताओं द्वारा भेजे गए लगभग 500 करोड़ रुपये मूल्य के पटाखे देश के विभिन्न हिस्सों में डीलरों के पास फंसे हुए हैं और बिके नहीं है जिससे उनकी अजीविका प्रभावित हो गई है।

विरुद्धनगर से कांग्रेस सांसद टैगोर ने दिल्ली में प्रदूषण के कारणों पर एक रिपोर्ट साझा की जिसमें पटाखों को प्रदूषण के कारक के रूप में नहीं दिखाया गया था।

कटाक्ष करते हुए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘‘कृपया दिल्ली में प्रदूषकों की सूची में शिवकाशी के पटाखें ढूंढें। लेकिन इसे अन्य सभी समस्याओं के लिए दोषी ठहराया जा रहा है, क्या यह उचित है??”

उन्होंने कहा ‘‘शिवकाशी के पास ही केवल पटाखा उद्योग में चीन का मुकाबला करने की प्रतिभा और ज्ञान है लेकिन मोदी सरकार के मंत्री लोकल फॉर वोकल हैशटैग चलाते हैं लेकिन कभी भी शिवकाशी का समर्थन नहीं करते।’’

इसके अलावा, अपने ट्विटर हैंडल में उन्होंने शिवकाशी में बाल श्रम के दावों को पूरी तरह से झूठा, और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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