Highlightsबेन स्टोक्स शतक बनाने के बाद अंगुली मोड़कर मनाते हैं जश्न, पिता से जुड़ी है कहानीस्टोक्स इस शतक से पूर्व रग्बी खिलाड़ी रहे अपने बिता गेड स्टोक्स को श्रद्धांजलि देते हैं
दुनिया के महानतम ऑलराउंडरों में शुमार हो चुके बेन स्टोक्स पिछले कुछ सालों में इंग्लैंड के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बनकर उभरे हैं। स्टोक्स अपनी टीम के लिए गेंद और बल्ले दोनों से उपयोगी साबित हुए हैं, खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में।
इस साल दक्षिण अफ्रीका दौरे पर स्टोक्स ने मुड़ी हुई अंगुली के साथ जश्न मनाया था। पोर्ट एलिजाबेथ टेस्ट में शतक जड़ने के बाद स्टोक्स के अलग अंदाज में मनाए जश्न ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था।
बेन स्टोक्स क्यों मनाते हैं 'अंगुली मोड़कर' जश्न
स्टोक्स ने ऐसा ही जश्न वेस्टइंडीज के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में अपना 10वां टेस्ट शतक पूरा करने के बाद भी मनाया। अपने इस जश्न के दौरान स्टोक्स बीच की अंगुली मोड़ लेते हैं।
बेन स्टोक्स के इस जश्न के पीछे एक प्रेरणादायक कहानी है। इस जश्न से स्टोक्स अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हैं, जो एक रग्बी खिलाड़ी थे और बेन के साथ न्यूजीलैंड से इंग्लैंड एक रग्बी कोच बनने आए थे।
बेन स्टोक्स के 'मुड़ी हुई अंगुली' के जश्न के पीछे की प्रेरणादायक कहानी
टाइम्स नाउ के मुताबिक, उनके पिता गेड स्टोक्स को अपने प्रोफेशनल करियर के दौरान अंगुली में चोट लगी थी। रग्बी बहुत ही बहुत प्रतिस्पर्धात्मक शारीरिक खेल है। रग्बी खेलते समय बेन स्टोक्स के पिता को कई चोटें लगी और हड्डियां टूटी। डॉक्टर ने उन्हें अपनी अंगुली का ऑपरेशन कराने की सलाह दी, लेकिन इसके लिए उन्हें रग्बी से दूर रहना पड़ता।
लेकिन गेड स्टोक्स ने अपनी अंगुली को कटवाने का फैसला किया जिससे वह रग्बी खेलना जारी रख सकें। बेन स्टोक्स का 'मुड़ी हुई अंगुली' का जश्न अपने पिता को श्रद्धांजिल है, जिन्होंने अपने बेटे का इंग्लैंड के लिए खेलने का सपना साकार करने के लिए बहुत बलिदान किए।
इंग्लैंड के जनवरी में साउथ अफ्रीका दौरे के दौरान उनके पिता अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था। गेड स्टोक्स अब पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और उनके बेटे बेन स्टोक्स तब से शतक पूरा करने के बाद अपने पिता को इसी अंदाज में जश्न मनाकर श्रद्धांजलि देते रहे हैं।
बेन स्टोक्स ने ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट की पहली पारी में 176 रन की जोरदार पारी खेलते हुए इंग्लैंड को 469 के विशाल स्कोर तक पहुचांया।