बढ़ते कोरोना मामलों का असर, BCCI इस साल नहीं करेगा किसी घरेलू टूर्नामेंट का आयोजन!

BCCI, Domestic Cricket: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीसीसीआई के इस साल रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों की मेजबानी की संभावना कम है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 6, 2020 11:17 AM2020-09-06T11:17:08+5:302020-09-06T11:17:08+5:30

BCCI unlikely to host Domestic Cricket this season With coronavirus cases on the rise | बढ़ते कोरोना मामलों का असर, BCCI इस साल नहीं करेगा किसी घरेलू टूर्नामेंट का आयोजन!

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए BCCI के इस साल किसी घरेलू टूर्नामेंट के आयोजन की संभावना नहीं (BCCI)

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Highlightsकोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से बीसीसीआई के इस साल घरेलू टूर्नामेंट की मेजबानी की संभावना कम हैसौरव गांगुली ने जुलाई में राज्य संघों को लिखे पत्र में घरेलू क्रिकेट के आयोजन की बात कही थी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) देश में कोरोना वायरस संकट को देखते हुए इस साल कोई भी घरेलू टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं करने पर विचार कर रहा है। 

भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 41 लाख को पार कर गई है और वह अमेरिका और ब्राजील के बाद दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसको देखते हुए बीसीसीआई के लिए इस साल देश में घरेलू क्रिकेट का आयोजन लगभग असंभव हो गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी जैसे प्रमुख टूर्नामेंट को आयोजित नहीं करने के लिए बातचीत कर रहा है। 

कोरोना मामलों से BCCI के घरेलू टूर्नामेंट आयोजन की योजना पर फिरा पानी!

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इससे पहले राज्य संघों को एक छोटे घरेलू सीजन के आयोजन का आश्वसन दिया था, हालांकि पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने बोर्ड के सामने कड़ी चुनौती पेश की है।  

इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना की जानकारी रखने वाले सूत्र ने कहा, 'कुछ राज्यों में, यह बुरा है। अन्य राज्यों में, यह बदतर है। संख्या अविश्वसनीय हैं। ऐसे परिदृश्य में, तीन या चार महीने की अवधि में कोई भी योजना कैसे बना सकते हैं, जब आपको यही नहीं पता कि कल क्या होना वाला है।'

बीसीसीआई की योजना कुछ घरेलू टूर्नामेंटों की मेजबानी करने की थी जो सभी हितधारकों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगी। गांगुली ने ये बात जुलाई में राज्य संघों को लिखे पत्र में कही थी। हालांकि, इसकी संभावना अब कम लगती है, क्योंकि देश भर के विभिन्न टूर्नामेंटों में भाग लेने वाले हजारों क्रिकेटरों के लिए बायो-सुरक्षित बबल तैयार करना संभव नहीं है।

बीसीसीआई के लिए पूरे देश में बायो-सिक्योर बबल बनाना मुश्किल 

बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट को फिर से शुरू करने के लिए एसओपी भी जारी की थी और गांगुली ने कहा था कि टूर्नामेंट का संचालन तब किया जा सकता है जब ऐसा करना सुरक्षित हो। हालांकि, देश में कोविड​​-19 की स्थिति खराब से बदतर हो गई है।

सूत्र ने कहा, 'पहले, राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। फिर शहर-विशिष्ट नगरपालिकाओं के अनुमति देने की आवश्यकता होगी। और अगर ऐसा होता है, तो 37 रणजी टीमें, पांच दलीप ट्रॉफी टीमें और 37 रणजी टीमों के लिए जैव-सुरक्षित बुलबुला तैयार करना, कई अन्य घरेलू टीमों के लिए बायो-सुरक्षित बबल तैयार करना असंभव होगा। यात्रा और आवास एक और चिंता का विषय होगा।' 

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई में होगा। सभी आठों टीमें पूरे सीजन के दौरान यूएई में रहेंगी और संक्रमण से बचने के लिए पूरे सीजन के दौरान कोविड-19 जांच कराती रहेंगी। 

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