अयाज मेमन का कॉलम: न्यूजीलैंड के खिलाफ 347 रन बनाने के बाद भी कहां हुई टीम इंडिया से गलती?

न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में टॉस हारने के बावजूद टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 347 रन बनाए, ऐसे में सवाल उठता है कि भारतीय टीम से कहां गलती हुई?

By अयाज मेमन | Published: February 6, 2020 12:33 PM2020-02-06T12:33:11+5:302020-02-06T12:33:11+5:30

Ayaz Memon Column: Where did Team India make a mistake against New Zealand in 1st ODI? | अयाज मेमन का कॉलम: न्यूजीलैंड के खिलाफ 347 रन बनाने के बाद भी कहां हुई टीम इंडिया से गलती?

348 रनों के लक्ष्य को न्यूजीलैंड ने 11 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।

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Highlightsभारत के विशाल स्कोर को न्यूजीलैंड ने आसानी से चेज करते हुए पहला वन-डे जीत लिया।टी20 सीरीज में 0-5 से सफाया होने से कीवियों का मनोबल टूट चुका था।टी20 में करारी शिकस्त झेल चुकी मेजबान टीम के लिए यह शानदार शुरुआत है।

भारत के विशाल स्कोर को न्यूजीलैंड ने आसानी से चेज करते हुए पहला वन-डे जीत लिया। फ्लैट पिच और छोटी बाउंड्री को देखते हुए 348 रन का लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन टी-20 सीरीज में करारी शिकस्त झेल चुकी मेजबान टीम के लिए वन-डे सीरीज में यह शानदार शुरुआत है। टी-20 सीरीज में 0-5 से सफाया होने से कीवियों का मनोबल टूट चुका था।

टीम ने ऐसे भी मुकाबले गंवाए जिनमें वह आसानी से जीत सकती थी। इससे टीम के मनोबल पर विपरीत परिणाम हुआ। ऐसे में केन विलियम्सन जैसे धुरंधर खिलाड़ी की अनुपस्थिति बड़ा झटका था। न्यूजीलैंड के लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती थी कि रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में भारत ने 347 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

खास बात यह है कि कोहली केवल अर्धशतक बना पाए तो पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने में विफल रहे। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल ने टीम को खराब दौर से उबारते हुए मैराथन साझेदारी निभाई। श्रेयस ने करियर का पहला शतक ठोंककर नंबर 4 पर अपनी दावेदारी मजबूत की। राहुल पिछले कुछ माह से निरंतर लय में बने हुए हैं।

न्यूजीलैंड के लिए सात रन प्रति ओवर का लक्ष्य मुश्किल दिखाई दे रहा था। खास तौर से विलियम्सन जैसे तजुर्बेकार बल्लेबाज की अनुपस्थिति में, लेकिन मेजबानों ने लक्ष्य को हासिल कर भारतीय टीम को चौंकाया।

गप्टिल और निकोल्स ने धीमी शुरुआत की ताकि जल्द ही कोई सदमा न पहुंचे, लेकिन गप्टिल और ब्लंडेल के जल्दी-जल्दी आउट होने से मुकाबला भारत के पक्ष में झुकता नजर आया। निकोल्स को रॉस टेलर के रूप में मजबूत साथी मिल गया, लेकिन न्यूजीलैंड ने मैच में उस समय वापसी की जब टेलर को कप्तान लैथम का साथ मिल गया।

दोनों ने 10 रन प्रति ओवर के औसत से 138 रन जोड़कर टीम को जीत के करीब पहुंचाया। हालांकि जीत की बेकरारी में टीम ने 22 रन के भीतर निकोल्स, नीशाम और ग्रैंड होम के विकेट गंवा दिए, लेकिन टेलर की मौजूदगी और सैंटनर के सहयोग के चलते न्यूजीलैंड ने पहला वन-डे 11 गेंदें शेष रहते ही जीत लिया।

ऐसे में सवाल उठता है कि भारतीय टीम से कहां गलती हुई? 347 के स्कोर को देखते हुए बैटिंग को दोष नहीं दिया जा सकता। फिर भी शास्त्री और कोहली को चाहिए कि वह राहुल के क्रम पर पुनर्विचार करें। उनके फॉर्म को देखते हुए उन्हें टॉप ऑर्डर भेजना ज्यादा मुनासिब होगा। क्षेत्ररक्षण में कुछ सुधार की गुंजाइश है। जैसे कोहली ने निकोल्स को खूबसूरती के साथ रन आउट किया, लेकिन कुलदीप यादव ने टेलर को लाइफ दे दी जिसका खामियाजा टीम को हार के रूप में भुगतना पड़ा।

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