नई दिल्ली, 09 अक्टूबर: हाल ही में खत्म हुए एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में टीम इंडिया के पांच खिलाड़ियों को आराम देने के टीम मैनेजमेंट के फैसले से चयनकर्ता खुश नहीं थे। इस मैच में अचानक ही दो साल बाद धोनी कप्तान के तौर पर उतरे थे, जिसने सभी को हैरान कर दिया था।
भारत ने हालांकि फाइनल में बांग्लादेश को हराते हुए सातवीं बार एशिया कप का खिताब जीत लिया। लेकिन फाइनल से पहले धोनी की कप्तानी में खेल रही भारतीय टीम को अफगानिस्तान ने आखिरी गेंद तक चले मुकाबले में टाई पर रोक दिया था।
इस मैच के लिए भारतीय टीम ने कप्तान रोहित शर्मा और उपकप्तान शिखर धवन को फाइनल के लिए तरोताजा रखने के लिए आराम दिया था और इस मैच मनीष पाण्डेय, सिद्धार्थ कौल, दीपक चाहर और खलील अहमद को भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों की जगह उतारा था।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'चयनकर्ता इस मैच में किए गए इतने ज्यादा बदलावों से खुश नहीं थे। एक बीसीसीआई सूत्र के मुताबिक, इस मैच में हुए एकमुश्त बदलावों से चयनकर्ता खुश नहीं थे। कप्तान रोहित शर्मा और उपकप्तान शिखर धवन दोनों को आराम दिया गया था और एमएस धोनी को अचानक ही कप्तान बना दिया गया था।'
रोहित की गैरमौजूदगी में धोनी ने इस मैच में कप्तानी की और 200 वनडे मैचों में कप्तानी की उपलब्धि हासिल की। लेकिन इस रोमांचक मैच में आखिरी गेंद पर रवींद्र जडेजा जीत के लिए जरूरी एक रन नहीं बना पाए थे और उनके आउट होने से भारत और अफगानिस्तान का मैच टाई हो गया था।
अफगानिस्तान ने इस मैच में 50 ओवर में 8 विकेट पर 252 रन बनाए और भारत को टाई पर रोकते हुए इस टूर्नामेंट का सबसे बड़ा उलटफेर कर दिया था।
टीम के प्रदर्शन के तिमाही मूल्यांकन के लिए होनी वाली बीसीसीआई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की संभावना है। इस सूत्र ने कहा, 'बीसीसीआई का नया संविधान टीम मैनेजमेंट को प्लेइंग इलेवन चुनने का अधिकार देता है। लेकिन यही संविधान चयनकर्ताओं को भी टीम के तिमाही मूल्यांकन करने का अधिकार देता है। इसलिए दोनों पक्षों में बेहतर तालमेल होने की जरूरत है।'