बिहार के 32 साल के स्पिनर का कमाल, 68 विकेट लेते हुए तोड़ा बिशन सिंह बेदी का 44 साल पुराना रणजी रिकॉर्ड

Ashutosh Aman: बिहार के 32 वर्षीय स्पिनर आशुतोष अमन ने रणजी ट्रॉफी में बिशन सिंह बेदी का 44 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए रचा या इतिहास

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 9, 2019 06:43 PM2019-01-09T18:43:00+5:302019-01-09T18:58:55+5:30

Ashutosh Aman breaks 44 year old record of Bishan Singh Bedi for most wickets in a Ranji Season | बिहार के 32 साल के स्पिनर का कमाल, 68 विकेट लेते हुए तोड़ा बिशन सिंह बेदी का 44 साल पुराना रणजी रिकॉर्ड

आशुतोष अमन ने एक रणजी सीजन में 68 विकेट लेकर रचा इतिहास (Twitter)

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बिहार के 32 वर्षीय बाएं हाथ के स्पिनर आशुतोष अमन ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में अपनी शानदार गेंदबाजी से तहलका मचा दिया है। इस हफ्ते मणिपुर के खिलाफ मैच के दौरान आशुतोष ने अपना 65वां विकेट झटकते हुए महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का 44 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। 

अब आशुतोष अमन एक रणजी सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। इससे पहले ये रिकॉर्ड बिशन सिंह बेदी के नाम था, जिन्होंने 1974-75 में 64 विकेट लिए थे। मणिपुर के खिलाफ मैच में बिहार के लिए तीन विकेट लेते हुए उन्होंने इस सीजन में अपने विकेटों की संख्या 68 तक पहुंचा दी है। 

आशुतोष ने रणजी सीजन 2018/19 में दमदार प्रदर्शन करते हुए 8 मैचों में 1.90 की इकॉनमी रेट से 68 विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने 3 बार पारी में चार विकेट, नौ बार पारी में पांच विकेट झटके जबकि 5 बार मैच में 10 विकेट लेने का कमाल भी किया। 

हालांकि बिहार की टीम प्लेट ग्रुप में मौजूद एकमात्र क्वॉलिफाइंग की जगह उत्तराखंड के हाथों गंवाकर क्वॉर्टर फाइनल से बाहर हो चुकी है। लेकिन 68 विकेट लेने वाले आशुतोष अमन का एक रणजी सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड आने वाले कई सालों तक कायम रह सकता है।

रणजी ट्रॉफी: एक सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज

आशुतोष अमन (बिहार) -68 विकेट (2018/19)
बिशन सिंह बेदी (दिल्ली) -64 विकेट (1974/75)
डोड्डा गणेश (कर्नाटक) -62 विकेट (1998/99)
कंवलजीत सिंह (हैदराबाद)-62 विकेट (1999/2000)

रोचक है आशुतोष के एयर फोर्स से बिहार रणजी टीम में शामिल होने की कहानी

बिहार के गया से आने वाले आशुतोष ने काफी कम उम्र में अपने जिले के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया था। क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने दिल्ली का रुख किया और स्पोर्ट्स कोटे से भारतीय एयरफोर्स के अकाउंट्स डिपार्टमेंट में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने सर्विसेज के लिए खेलना शुरू किया। 

ESPNcricinfo को दिए इंटरव्यू में आशुतोष ने कहा, 'मैं 14 साल की उम्र में गया के लिए खेलता था लेकिन तब बिहार की टीम रणजी में नहीं थी और इसलिए मैंने 17 की उम्र एयरफोर्स जॉइन किया था। इसके बाद से मैंने जो भी क्रिकेट खेली और सीखी वह एयरफोर्स के ही तत्वाधान में खेली। लेकिन सर्विसेज में प्रतियोगिता की भावना ज्यादा थी, इसलिए मुझे वहां रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका नहीं मिल रहा था। मेरा सपना प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना था, इसलिए मैंने ये बदलाव किया।'

आशुतोष ने कहा, 'मेरे पास एयरफोर्स में नौकरी है, इसलिए मुझे सर्विसेज के लिए ज्यादा मौके नहीं मिल रहे थे, और इसलिए मैं बिहार आ गया क्योंकि मैं गया से हूं। यहां मैंने जिला स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद मुझे वनडे खेलने के लिए बुलाया गया। विजय हजारे ट्रॉफी में मेरी इकॉनमी रेट (8 मैचों में 2.10) सर्वश्रेष्ठ रही और इसलिए उन्होंने मुझे रणजी खेलने के लिए कहा। इसके बाद मैंने हमारे कोच सुब्रतो बनर्जी के साथ कैंप किया। उन्हें और कप्तान प्रज्ञान ओझा को मेरा प्रदर्शन पसंद आया।'  

इस सीजन में भले ही बिहार की टीम क्वॉर्टर फाइनल में न पहुंच पाई हो लेकिन आशुतोष अमन का एक रणजी सीजन में 68 विकेट लेने का रिकॉर्ड कई सालों तक शायद ही टूट पाए।

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