भारत के क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल गेंदबाज अनिल कुंबले आज (17 अक्टूबर) अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। 1990 में इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर शुरू करते हुए 2008 तक के करीब 18 साल के करियर में कुंबले में कई ऐसे बेहतरीन लम्हे भारतीय फैंस को दिये, जो शायद अगले कई सालों तक जेहन में रहेंगे।
कुंबले टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने की लिस्ट में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800) और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (708) के बाद तीसरे नंबर पर हैं। कुंबले के नाम 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट हैं। यही नहीं, कुंबले ने 271 वनडे मैचों में भी 337 विकेट झटके हैं।
तेंज गेंदबाजी करते थे पहले कुंबले
भारत के पूर्व स्पिन गेंदबाज भागवत चंद्रशेखर को आदर्श मानने वाले कुंबले ने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया तो वे मध्यम गति की तेज गेंदबाजी करते थे। हालांकि, बाद में उनके भाई ने उन्हें लेग स्पिन गेंदबाजी की कोशिश करने की सलाह दी। कुंबले ने भी सलाह मानी और नतीजा ये रहा कि अगले दो महीनों में उन्हें कर्नाटक की अंडर-15 टीम से खेलने का मौका मिल गया।
दिलचस्प ये भी है उनकी गेंदबाजी का एक्शन बहुत हद तक चंद्रशेखर से मिलता था। कुंबले ने जब भारत की ओर से टेस्ट करियर का आगाज किया तो वे केवल 19 साल के थे और पहले 20 मैच में 99 विकेट झटक चुके थे।
ओवल टेस्ट में ठोका शतक
ऐसे तो गेंदबाजी में कुंबले ने कई कमाल किये हैं लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं उस मैच की कहानी जिसमें उन्होंने शतक ठोक। कुंबले ने यह शतकीय पारी इंग्लैंड के ओवर मैदान पर 2007 में खेली थी। भारत और इंग्लैंड के बीच उस समय खेले गये सीरीज के तीसरे मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
कुंबले इस मैच में 8वें नंबर पर बैटिंग करने उतरे और 193 गेंदों पर 110 रनों की नाबाद पारी खेली। इस पारी में कुंबले ने 16 चौके और एक छक्का लगाया। भारत ने कुंबले की इस पारी की बदौलत पहली पारी में 664 रन बनाए।
जवाब में इंग्लैंड 345 पर सिमट गया। इसके बाद भारत ने 6 विकेट पर 189 रन बनाकर अपनी दूसरी पारी घोषित की और इंग्लैंड को 500 रनों का टार्गेट दिया। हालांकि, इंग्लिश टीम पांचवें दिन का खेल खत्म होने तक 6 विकेट पर 369 रन बनाते हुए मैच बचाने में कामयाब रही। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत यह सीरीज तब 1-0 से जीत कर इतिहास रचने में कामयाब रहा था।