टेस्ट करियर में झटके 405 विकेट, कर्टली एंब्रोस बोले- आक्रामकता सिखाई नहीं जाती, ये तेज गेंदबाजों का स्वाभाविक गुण होना चाहिए

कर्टली एंब्रोस का मानना है कि अगर कोई गेंदबाज अपनी गेंदों से कहर बरपा रहा हो तो फिर बल्लेबाज पर छींटाकशी करने की जरूरत नहीं पड़ती...

By भाषा | Published: May 27, 2020 01:46 PM2020-05-27T13:46:32+5:302020-05-27T13:47:39+5:30

Aggression can't be taught, it should flow naturally in pacers: Curtly Ambrose | टेस्ट करियर में झटके 405 विकेट, कर्टली एंब्रोस बोले- आक्रामकता सिखाई नहीं जाती, ये तेज गेंदबाजों का स्वाभाविक गुण होना चाहिए

टेस्ट करियर में झटके 405 विकेट, कर्टली एंब्रोस बोले- आक्रामकता सिखाई नहीं जाती, ये तेज गेंदबाजों का स्वाभाविक गुण होना चाहिए

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अपने करियर के दौरान बल्लेबाजों में दहशत पैदा करने वाले वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज कर्टली एंब्रोस का मानना है कि गेंदबाजों को आक्रामकता सिखायी नहीं जा सकती है बल्कि यह उनका स्वाभाविक गुण होना चाहिए।

एंब्रोस ने कहा कि हालांकि वह स्वाभाविक तौर पर आक्रामक थे लेकिन वह एंटीगा के उनके साथी एंडी राबर्ट्स थे जिन्होंने गेंदबाजी के करते समय उन्हें इसे अपनाने के लिये उन्हें प्रेरित किया।

स्काई स्पोर्ट्स के लिये माइकल एथरटन द्वारा आयोजित पोडकॉस्ट में एंब्रोस ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे हमेशा आक्रामक बने रहना और हमेशा बल्लेबाजों पर हावी होना सिखाया। उन जैसे दिग्गज की सिखायी गयी यह बात मेरे दिमाग में बैठ गयी थी।’’

अपने टेस्ट करियर में 98 मैचों में 20.99 की औसत से 405 विकेट लेने वाले एंब्रोस ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि आप किसी गेंदबाज को आक्रामक होना सिखा सकते हो। यह आपके अंदर होनी चाहिए। आप कोशिश कर सकते हो लेकिन अगर यह किसी गेंदबाज के अंदर नहीं है तो संभवत: यह कारगर नहीं होगी। मेरे लिये यह कारगर साबित होती थी क्योंकि खेलते समय मैं स्वाभाविक तौर पर आक्रामक हो जाता था। यह मेरे अंदर स्वाभाविक रूप से मौजूद थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप जो करना चाहते हो अगर आप उसमें सक्षम हो तो फिर इसके लिये आपके पास साढ़े पांच औंस (क्रिकेट गेंद) हैं। अगर आप छींटाकशी करते हो तो फिर आप सक्षम नहीं हो। यह वेस्टइंडीज का तरीका नहीं है। साढ़े पांच औंस की गेंद आपके पास 90 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से पहुंचती है यही पर्याप्त है।’’

एंब्रोस ने उन दिनों को याद किया जब अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों में वह वेस्टइंडीज की टीम से जुड़े। उन्होंने कहा कि वह कभी दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज नहीं बल्कि हमेशा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बनना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं पहली बार वेस्टइंडीज की टीम में आया तो महान तेज गेंदबाज स्वर्गीय मैलकम मार्शल के अलावा कर्टनी वाल्श और पैट्रिक पैटरसन टीम में थे। मैं कभी दूसरा सर्वश्रेष्ठ नहीं बनाना चाहता था। मुझे खुद पर विश्वास था और मैं सर्वश्रेष्ठ बनना चाहता था।’’

एंब्रोस ने कहा, ‘‘मुझे जल्द ही पता चल गया कि अधिकतर विरोधी टीमें शायद यह सोचती हैं कि कर्टली तो नया है इसलिए मार्शल, वॉल्श और पैटरसन पर ध्यान दो। मैं कभी ऐसा नहीं चाहता था इसलिए जल्दी सीखने लिये मजबूर होना पड़ा ताकि मैं टीम की कमजोर कड़ी न रहूं। अपने विश्वास से मैंने वह हासिल किया जो मैं चाहता था।’’

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