Sports Flashback: एडम गिलक्रिस्ट- वर्ल्ड कप फाइनल का सबसे दमदार खिलाड़ी, जिसने हर मैच में मचाया तहलका

एडम गिलक्रिस्ट अपने समय के समय विस्फोटक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं और इसके उदाहरण उन्होंने वनडे के साथ-साथ टेस्ट फॉर्मेट में भी दिये हैं।

By विनीत कुमार | Published: November 14, 2018 09:22 AM2018-11-14T09:22:01+5:302018-11-14T09:22:01+5:30

adam gilchrist icc world cup records when he hits 149 against sri lanka in 2007 | Sports Flashback: एडम गिलक्रिस्ट- वर्ल्ड कप फाइनल का सबसे दमदार खिलाड़ी, जिसने हर मैच में मचाया तहलका

एडम गिलक्रिस्ट (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया में आज जब विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की बात होती है तो सबसे पहले महेंद्र सिंह धोनी का ख्याल आता है। लेकिन धोनी के 'युग' से पहले और एक और नाम खूब चर्चा में रहा जिसने विकेटकीपिंग के दौरान अपने फुर्तीले अंदाज और बल्लेबाजी में छक्कों से हर क्रिकेट फैन का दिल जीता।

हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट की जिसने 12 साल के अपने क्रिकेट करियर में कई ऐसे कमाल किये जिसकी कल्पना तब के क्रिकेट खेलने के अंदाज के हिसाब से बेहद अलग और मनोरंजक था।

गिलक्रिस्ट हैं वर्ल्ड कप फाइनल के सबसे दमदार खिलाड़ी

साल 1996 में ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे डेब्यू करने वाले एडम गिलक्रिस्ट ने अपने करियर में तीन वर्ल्ड कप (1999, 2003, 2007) खेले और तीनों ही मौकों पर ऑस्ट्रेलिया की टीम चैम्पियन रही। गिलक्रिस्ट के नाम 31 वर्ल्ड कप मैचों में 36.16 की औसत से 1,085 रन हैं।

इसमें सबसे खास उनका स्ट्राइक रेट है। गिलक्रिस्ट का स्ट्राइक रेट वर्ल्ड कप मैचों में 98.01 का रहा है। दिलचस्प ये भी है गिलक्रिस्ट ने खेले तीन वर्ल्ड कप फाइनल में दो मैचों में आतिशी फिफ्टी लगाई और एक में 149 रनों की विस्फोटक पारी खेली।

वर्ल्ड कप फाइनल में गिलक्रिस्ट की पारी

गिलक्रिस्ट अपने समय के समय विस्फोटक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं और इसके उदाहरण उन्होंने वनडे के साथ-साथ टेस्ट फॉर्मेट में भी दिये हैं। वह टेस्ट में 100 छक्के लगाने वाले पहले क्रिकेटर हैं। बहरहाल, हम बात कर रहे हैं वर्ल्ड कप की।

साल 1999 के वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीमें पहुंची। पाकिस्तान इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए 39 ओवर में केवल 132 रनों पर सिमट गया। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने केवल 20.1 ओवर में दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। गिलक्रिस्ट ने इस मैच में मार्क वॉ के साथ ओपनिंग करते हुए 36 गेंदों पर 54 रन बनाये। इसमें 8 चौके और एक छक्का शामिल है।

इसके बाद अगले वर्ल्ड कप (साल-2003) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना भारत से था। टॉस भारत ने जीता और पहले ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी के लिए बुलाया। गिलक्रिस्ट ने यहां भी दमदार पारी खेली और 48 गेंदों पर एक छक्के और 8 चौकों की बदौलत 57 रन बनाये। 

गिलक्रिस्ट ने ओपनिंग करते हुए मैथ्यू हेडन (37) के साथ पहले विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी की जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया को मजबूत शुरुआत मिली और टीम आखिरकार 50 ओवरों में 2 विकेट खोकर 359 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर सकी। इसमें रिकी पॉन्टिंग की 140 रनों की अहम पारी भी शामिल है। जवाब में भारतीय टीम 234 पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया ने 125 रनों से जीत हासिल करते हुए लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया।

हालांकि, इन दो फाइनल के बावजूद गिलक्रिस्ट की वर्ल्ड कप फाइनल में सर्वश्रेष्ठ पारी आनी अभी बाकी थी। दुनिया ने इसे 2007 के वर्ल्ड कप फाइनल में देखा। गिलक्रिस्ट ने श्रीलंका के खिलाफ इस खिताबी मुकाबले में 104 गेंदों पर 149 रनों की शानदार पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया ने बारिश से बाधित इस मैच में केवल 38 ओवरों में 4 विकेट पर 281 रन बना लिये। गिलक्रिस्ट ने इस दौरान 8 छक्के और 13 चौके जड़े।

यह गिलक्रिस्ट की ही तेज-तर्रार बैटिंग का कमाल था कि डकवर्थ-लुइस नियम के तहत श्रीलंका को 36 ओवरों में 269 रन बनाने का मुश्किल लक्ष्य मिला। श्रीलंकाई टीम ऐसा करने में नाकाम रही और वह 8 विकेट खोकर केवल 215 रन बना सकी।

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