लॉकडाउन में ई-कॉमर्स कंपनियों और रिटेल व्यापारियों के बीच भेदभाव आखिर क्यों: कांग्रेस नेता अजय माकन
By शीलेष शर्मा | Published: April 19, 2020 07:32 AM2020-04-19T07:32:07+5:302020-04-19T07:32:07+5:30
कांग्रेस नेता अजय माकन ने सरकार को याद दिलाया कि कृषि के बाद रिटेल सेक्टर जो छोटे व्यापार से चलता है और कुल रोज़गार का 20 फ़ीसदी रोज़गार यही क्षेत्र देता है, फिर भी सरकार का कोई ध्यान इस ओर नहीं है।
लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से अमेज़ॉन ,फ़िलिप कार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को सामान बेचने की सरकार द्वारा दी गयी छूट के बाद छोटे व्यापारियों में खासी नाराज़गी है। इन व्यापारियों को ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा दैनिक उपयोग की ज़रूरी वस्तुओं के साथ-साथ दूसरी वस्तुओं की बिक्री की जो छूट दी गयी है उससे उन दुकानदारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है जो सरकार के लॉकडॉउन आदेश का पालन कर अपनी रोज़ी-रोटी को दांव पर लगा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल के आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को यह इजाज़त दी थी। छोटे व्यापारियों की नाराज़गी का संज्ञान लेते हुये कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुये गृह मंत्रालय से यह स्पष्ट करने को कहा है कि आदेश संख्या 14 (V) -40 -3 /2020 -DM -I (A) के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑनलाइन क्या-क्या उत्पाद बेचने की अनुमति होगी।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने सरकार को याद दिलाया कि कृषि के बाद रिटेल सेक्टर जो छोटे व्यापार से चलता है और कुल रोज़गार का 20 फ़ीसदी रोज़गार यही क्षेत्र देता है, फिर भी सरकार का कोई ध्यान इस ओर नहीं है। माकन ने उम्मीद जताई कि सरकार इस विसंगति को दूर करेगी।