अब इस मामले में कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, जानिए PNB घोटाले में अबतक क्या हुआ?

By रामदीप मिश्रा | Published: June 23, 2018 05:13 AM2018-06-23T05:13:14+5:302018-06-23T05:13:14+5:30

मार्च में मुम्बई डीआरआई ने 890 करोड़ रुपये के हीरे और मोती कथित रूप से घरेलू बाजार में बेचने को लेकर मोदी और सूरत विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थित उसकी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

Warrant issued by Surat court against fugitive diamond trader Nirav modi | अब इस मामले में कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, जानिए PNB घोटाले में अबतक क्या हुआ?

अब इस मामले में कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, जानिए PNB घोटाले में अबतक क्या हुआ?

सूरत, 23 जूनः सूरत की एक अदालत ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दर्ज कराए गए सीमाशुल्क चोरी के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। शुक्रवार को सरकारी वकील नयन सुखदवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीएच कपाड़िया ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया क्योंकि नीरव मोदी अदालती सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुआ। वह फरार है। 

890 करोड़ के हीरे-मोती बेचने का मामला

मार्च में मुम्बई डीआरआई ने 890 करोड़ रुपये के हीरे और मोती कथित रूप से घरेलू बाजार में बेचने को लेकर मोदी और सूरत विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थित उसकी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ये बेशकीमती चीजें निर्यात के लिए थीं। सेज नियमों के अनुसार सेज की इकाइयों को वस्तुओं के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति तभी दी जाती है तब उनका उपयोग कच्चे माल के तौर करना हो और मूल्यवर्धन या प्रसंस्करण के बाद ही उसे निर्यात किया जाना हो। 

ये लगाया डीआरआई ने आरोप

डीआरआई ने आरोप लगाया कि मोदी ने ऊंचे दाम वाले हीरे एवं मोती सेज की अपनी इकाइयों के माध्यम से आयात किये थे और उन्हें घरेलू बाजार में बेच दिये थे। सीमाशुल्क से बचने के लिए नीरव मोदी ने कम गुणवत्ता वाले हीरे और मोदी निर्यात कर दिये और दावा किया कि ये वे ही हीरे मोती है जिन्हें उसने पहले आयात किये थे और जिनका प्रसंस्करण किया। डीआरआई के अनुसार इसकी वजह से 52 करोड़ रुपये की सीमाशुल्क चोरी हुई। 

सीबीआई के पूर्व अधिकारी भी जांच के घेरे में

इधर, पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13 हजार 500 रुपये करोड़ के घोटाले के मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी केस से जुड़ी जानकारी लीक होने के मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी जांच के घेरे में बताए गए हैं। सीबीआई ने पिछले दिनों पूर्व ज्वाइंट डायरेक्ट राजीव सिंह का कम्प्यूटर सीज कर लिया। शुरूआती जांच में अंदेशा लगा गया कि राजीव सिंह के ई मेल अकाउंट से कुछ संदिग्ध मेल किए गए हैं, जिसके चलते उनका कम्प्यूटर सीज किया गया है।

इंटरपोल जल्द कर सकता रेड कॉर्नर नोटिस जारी

इंटरपोल भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी में है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय एजेंसी दो अरब डॉलर के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से संतुष्ट है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने इंटरपोल को जो दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं उनमें मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा जारी गैरजमानती वारंट और इस मामले में दायर आरोपपत्रों की जानकारी सहित अन्य शामिल हैं। 

23 के खिलाफ हो चुके आरोप पत्र दाखिल

गौरतलब है कि मई में जांच एजेंसी ने नीरव मोदी और 23 अन्य के खिलाफ अदालत में 12000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें नीरव के पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशल मोदी और एक अन्य रिश्तेदार निहाल मोदी भी शामिल हैं। वहीं ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पीएनबी घोटाला मामले में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पीएमएलए के तहत आरोप लगाए हैं। नीरव मोदी अपने खिलाफ मामले दर्ज किये जाने से पहले ही देश से बाहर भाग गया था। 

नीरव कर चुका है चार देशों का यात्रा

नीरव अब तक करीब चार देशों में जा चुका है।1 जनवरी 2018 में वह मुंबई से यूएई गया था। जिसके बाद तमाम एजेंसियों के दवाब के बाद वह फरवरी में हांग कांग पहुंचा था। उस समय  नीरव मोदी के खिलाफ अमेरिका में समाशोधन प्राधिकरण के समक्ष अर्जी लगाने के बाद अब हांग कांग में भी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अब खबरों की मानें तो कानूनी प्रक्रिया के डर से उसने 14 फरवरी को हांग कांग  छोड़ा है।

एक महीने लंदन में रहा

बताया गया 15 फरवरी को वो लंदन पहुंचा और वहां पर करीब 1 महीने तक रहा। इसके बाद मार्च के तीसरे हफ्ते में वह न्यूयॉर्क चला गया। इस तरह जनवरी से अब तक वह 4 देशों में जा चुका है।गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक के 13400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ रविवार को गैर-जमानती वारंट जारी किए थे। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट विभाग के चार अधिकारियों से पूछताछ की थी। 

31 जनवरी को नीरव के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर

सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ और 15 फरवरी को मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी में सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर जा चुके थे। बताया गया है कि लोन देने से पहले कंपनियों को एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग फॉर्म भरना होता है जोकि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को दिए गए लोन के लिए नहीं भरे गए थे।

सीबीआई कर चुकी है लुकआउट नोटिस जारी

सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन दोनों ने भारत आने से इनकार कर दिया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने अपने वकीलों को माध्यम से सीबीआई को जवाब भेजकर कहा कि वो अभी देश वापस नहीं आ सकते। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने भारतीय मीडिया पर पूरे मामले को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने का भी आरोप लगाया। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया।

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Web Title: Warrant issued by Surat court against fugitive diamond trader Nirav modi

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