विजय माल्या ने मुंबई कोर्ट में दाखिल किया अपना जवाब, ED 28 सितंबर को दाखिल करेगा रिज्वाइंडर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: September 24, 2018 06:51 PM2018-09-24T18:51:23+5:302018-09-24T18:51:23+5:30
विजय माल्या पर विभिन्न सरकारी बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक लेकर विदेश भाग जाने का आरोप है। अदालत पहले ही माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुकी है।
नई दिल्ली, 24 सितंबर: विजय माल्या द्वारा सोमवार को मुंबई की अदालत में दिए गए जवाब पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 28 सितंबर को अपना रिज्वाइडर जमा करेगा। ईडी ने अदालत में विजय माल्या को नए कानून के तहत भगोड़ा घोषित करने के लिए विशेष अदालत से गुहार लगायी थी। विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर विदेश भागने का आरोप है।
माल्या को अदालत पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है लेकिन नए कानून के तहत भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद उनकी जब्त की गई संपत्ति दोबारा नहीं छुड़ाई जा सकेगी। यही कारण है कि माल्या देश वापस आकर संपत्ति बचाना चाहता है। वहीं, मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को मामले में अगली सुनवाई की तारीख तीन सितंबर को तय की है. दरअसल, 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण के कथित धोखाधड़ी के मामले में कुछ और लोगों ने खुद को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया है, जिसके मद्देनजर अदालत ने सुनवाई आगे बढ़ा दी है
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सीबीआई और ब्रिटेन के जांच अधिकारियों के बीच लंदन में एक बैठक भी हुई थी इसके बाद ही उस पर शिकंजा कसा गया था। खबर के अनुसार जून 2017 में लंदन स्थित ब्रिटिश प्रशासन ने 1.78 करोड़ पाउंड (करीब 170 करोड़ रुपये) की मोटी रकम को ट्रांसफर करने की हामी भरी थी। कहा जा रहा है कि 2017 में ही भारतीय जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी यूके फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट ने दे दी थी।
सीबीआई पर लगे लापरवाही के आरोप
ऐसे में खबरों के अनुसार इसके बाद भारतीय एजेंसी सक्रिय भी हुई थीं, लेकिन भारतीय बैंक इस मामले में प्रक्रियागत कार्रवाई करने के लिए ज्यादा समय मांग रहे थे जिसकी वजह से इस ट्रांसफर को रोका नहीं जा सका।
ब्रिटेन में स्थिति माल्या की संपत्ति को इससे फ्रीज किया गया था। क्योंकि इसके बाद भारतीय बैंकों के कसोर्शियम ने मिलकर ब्रिटेन सरकार से निवेदन किया था कि माल्या की ब्रिटेन में स्थित संपत्ति को फ्रीज किया जाए।
वहीं, कहा जा रहा है कि यूके की कोर्ट को यह पता चला कि फरवरी, 2016 में माल्या ने डियाजियो से मिली 4 करोड़ डॉलर (करीब 290 करोड़ रुपये) की राशि को टुकड़े-टुकड़े में उन ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में डाल दिया था, जिसके लाभार्थी उसके बच्चे हैं।
वहीं, हाल ही में विजय माल्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील के दावे पर एसबीआई ने सफाई दी है। एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने मीडिया से बताया कि दवे कह सकते हैं कि उन्हें क्या कहना है। मैं अब एसबीआई के साथ नहीं हूं और आप वर्तमान एसबीआई प्रबंधन से प्रतिक्रियाओं के लिए संपर्क कर सकते हैं।
एसबीआई समेत 17 बैंकों को विजय माल्या ने लगाया है चूना
वहीं, एसबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस समेत लोन के सभी डिफॉल्ट मामलों से निपटने में बैंक या किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गई है।
दवे ने कहा कि एसबीआई के कानूनी सलाहकार एसबीआई के चार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के लिए आए थे। बैठक में इस बात पर सहमति हुई कि विजय माल्या को देश छोड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेने कि लिए वो सोमवार को सुबह मिलेंगे। लेकिन एसबीआई के अधिकारी नहीं आएं।
आखिरकार जब विजय माल्या देश से भागने में कामयाब हो गया तो एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों ने 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।