लखनऊः उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, उसी तरह राज्य में बिजली की मांग में भी इजाफा होता जा रहा है. बीते मंगलवार को बिजली की मांग 29,873 मेगावाट तक पहुंच गई. बुधवार को राज्य में मौसम के बदलते तेवरों से कई जिलों में बरसात होने के कारण तापमान में गिरावट आई लेकिन बिजली विभाग के अफसरों के चेहरों पर इसकी खुशी नहीं दिखी. पावर कार्पोरेशन के अफसर और सूबे के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा तो आने वाले बिजली की बढ़ने वाली मांग को लेकर गुणा-गणित करने में व्यस्त दिखे. मंत्री और अधिकारियों का अनुमान है कि जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है, उससे अबकी बिजली की मांग के 33 हजार मेगावाट तक पहुंचेगी. ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों में बिजली की आपूर्ति करना एक बड़ी चुनौती होगी.
उद्योगों को भी निर्बाध बिजली की आपूर्ति हो और शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को बिजली मिले. इसके लिए बिजली आपूर्ति के तय शेड्यूल में कुछ बदलाव भी किया जा सकता है. मतलब बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा सकती है. यह कटौती किस समय और कितनी की जाएगी, इसका फैसले इसी हफ्ते किए जाएगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में 10 घंटे लगातार दी जा रही बिजली
यूपी पावर कार्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार, अभी प्रदेश में कृषि कार्य के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 10 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. गेहूं आदि की फसल को आग से बचाने के लिए मार्च में दोपहर के वक्त बिजली आपूर्ति न करने का निर्णय किया गया था. इस फैसले के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ सात घंटे और तीन घंटे बिजली कृषि फीडर के माध्यम से आपूर्ति की जा रही थी.
अब ग्रामीण क्षेत्रों में 10 घंटे लगातार बिजली देने के लिए प्रदेश को आठ हिस्से में बांटते हुए दिन में ही सुबह सात बजे से देर शाम 6.45 बजे के दरमियान बिजली आपूर्ति का शेड्यूल जारी किया गया हैं. इसी तरह शहरी क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति की जा रही है. पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल के मुताबिक प्रदेश में चिलचिलाती गर्मी के चलते एसी और ट्यूबवेल के बढ़ते लोड से बिजली की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पहली मई को यूपी में जहां बिजली की अधिकतम मांग 25,837 मेगावाट थी, वहीं 10 मई को यह मांग बढ़कर 27,006 मेगावाट पहुंच गई.
12 मई को मांग 28 हजार मेगावाट पार कर गई और 18 मई तक मांग 29 हजार मेगावाट से भी ज्यादा हो गई है. गर्मी के इस मौसम में पहली बार मंगलवार की रात साढ़े नौ बजे बिजली की मांग सर्वाधिक 29,873 मेगावाट पहुंच गई, जबकि सुबह साढ़े सात बजे बिजली की मांग 19,005 मेगावाट थी.
बिजली की बढ़ रही इस मांग को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार सूबे में बिजली की मांग 33 हजार मेगावाट तक पहुंच सकती है. पिछले वर्ष जुलाई में बिजली की अधिकतम मांग 30,732 मेगावाट रही थी. फिलहाल राज्य में बढ़ रही बिजली की मांग को लेकर पावर कार्पोरेशन ने यूपी की जरूरत के अनुसार केंद्रीय ग्रिड से बिजली प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया है.
अधिकारियों को उम्मीद है कि यूपी में बिजली का संकट उत्पन्न नहीं होगा क्योंकि केंद्रीय ग्रिड से उस जरूरत की बिजली उपलब्ध हो जाएगी. फिलहाल भीषण बिजली से लोग परेशान हैं और हर जिले में बिजली की मांग में इजाफा हो रहा है.