Sensex crashes 2002 points: अमेरिका और चीन में तनाव बढ़ा, सेंसेक्स 2,000 अंक टूटा, रिलायंस इंडस्ट्रीज को झटका
By भाषा | Published: May 4, 2020 05:03 PM2020-05-04T17:03:59+5:302020-05-04T17:03:59+5:30
पिछले 24 घंटे में 1074 लोग ठीक हुए हैं, यह अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा है, पिछले 24 घंटे में भारत में 2553 मामले बढ़े हैं जिससे कुल मामलों की संख्या 42533 हो गई है।
मुंबईः अमेरिका और चीन के बीच कोविड- 19 को लेकर तनाव बढ़ने से दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली दबाव से सोमवार को गिरावट का रुख रहा।
देश के शेयर बाजारों पर भी इसका असर रहा और बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 2,000 अंक से अधिक यानी करीब 6 प्रतिशत तक गिर गया। देश में लॉकडाउन- दो समाप्त होने के बाद इसका तीसरा चरण भी लागू होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में सोमवार को 2,000 अंक से अधिक की पिछले एक माह की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बिकवाली दबाव चलने से बीएसई सेंसेक्स 2,002.27 अंक यानी 5.94 प्रतिशत गिरकर 31,715.35 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक भी 566.40 अंक यानी 5.74 प्रतिशत गिरकर 9,293.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक में सबसे अधिक 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके बाद बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी, इंडस्इंड बैंक, एक्सिस बैंक और मारुति के शेयरों में गिरावट रही। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से केवल दो कंपनियां भारती एयरटेल और सन फार्मा ही बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर मूल्य में दो प्रतिशत गिरावट रही। कंपनी ने गत बृहस्पतिवार को जारी तिमाही परिणाम में किसी तिमाही के शुद्ध लाभ में सबसे बड़ी गिरावट दिखाई। जनवरी-मार्च 2020 की तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ एक साल पहले की इसी तिमाही के मुकाबले 37 प्रतिशत गिरकर 6,546 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, दिन में इससे पहले प्रौद्योगिकी में निवेश करने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक सिल्वर लेक ने रिलायंस की इकाई जियो प्लेटफार्म्स में 5,655.75 करोड़ रुपये का निवेश कर 1.15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जताई है।
क्षेत्रववार सूचकांक की यदि बात की जाये तो बीएसई फाइनेंस, बैंकेक्स, धातु, टिकाऊ उपभोक्ता, रियल्टी और आटो समूह सूचकांक 8.26 प्रतिशत तक गिर गये। वहीं दूरसंचार और स्वास्थ्य क्षेत्र के सूचकांक 2.39 प्रतिशत तक चढ़ गये। कोविड- 19 को लेकर चीन की भूमिका के बारे में अमेरिका के दावे से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार आने की पहल को नया झटका लगा है। इसको लेकर अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ी है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रविवार को कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कोरोना वायरस चीन की प्रयोगशाला से निकला है। पोम्पियो की यह टिप्पणी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पिछले सप्ताह दी गई इस धमकी के बाद आई है कि वह कोविड- 19 महामारी को लेकर वह चीन पर नये शुल्क लगायेगा। वहीं देश में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाये जाने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। उनका मानना है कि आर्थिक गतिविधियों को वापस पटरी पर लौटने में अधिक समय लग सकता है।
वहीं अप्रैल माह के विनिर्माण गतिविधियों के आंकड़े काफी नीचे आने से भी बाजार में गिरावट रही। आईएचएस मार्किट का इंडिया पीएमआई अप्रैल में 27.4 अंक रहा जबकि मार्च में यह 51.8 अंक की ऊंचाई पर था। वैश्विक बाजारों में सोमवार को चीन और जापान के बाजार अवकाश के कारण बंद रहे। वहीं हांग कांग और सिओल के सूचकांक में चार प्रतिशत तक गिरावट रही। यूरोप के बाजार काफी घाटे साथ खुले। डालर के मुकाबले रुपया 64 पैसे गिरकर 75.73 रुपये प्रति डालर तक नीचे आ गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड तेल का वायदा भाव 2.95 प्रतिशत नीचे 25.66 डालर प्रति बैरल पर बोला गया।