संयुक्त राष्ट्र ने 2019-20 के वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाया
By भाषा | Published: May 21, 2019 06:42 PM2019-05-21T18:42:25+5:302019-05-21T18:42:25+5:30
रिपोर्ट के अनुसार कमजोर वैश्विक वृद्धि का असर सतत विकास के लिये 2030 के एजेंडे के क्रियान्वयन को लेकर किये जा रहे प्रयासों पर पड़ेगा। सतत विकास के तहत पर्यावरण संरक्षण के साथ गरीबी उन्मूलन, समृद्धि को बढ़ावा देने तथा बेहतर रहन-सहन का सार्वभौमिक लक्ष्य रखा गया है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत अनिश्चितता तथा कंपनियों के कमजोर आत्मविश्वास के बीच मध्य-2019 की संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति तथा संभावना (डब्ल्यूईएसपी) रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अनुमानों को जनवरी की तुलना में घटा दिया गया है। मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में वैश्विक व्यापार की वृद्धि दर की संभावनाओं को भी घटाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में वैश्विक सकल उत्पाद वृद्धि दर 3.0 प्रतिशत रही। वहीं 2019 में इसके 2.7 प्रतिशत और 2020 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो इस साल जनवरी की रिपोर्ट में जताये गये अनुमान के मुकाबले क्रमश: 0.3 प्रतिशत तथा 0.1 प्रतिशत कम है। जनवरी की रिपोर्ट में इसके 2019 और 2020 में 3.0-3.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। इसमें वृद्धि में मौजूदा नरमी से निपटने के लिये अधिक व्यापक और लक्षित नीतिगत पहल की जरूरत पर बल दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार कमजोर वैश्विक वृद्धि का असर सतत विकास के लिये 2030 के एजेंडे के क्रियान्वयन को लेकर किये जा रहे प्रयासों पर पड़ेगा। सतत विकास के तहत पर्यावरण संरक्षण के साथ गरीबी उन्मूलन, समृद्धि को बढ़ावा देने तथा बेहतर रहन-सहन का सार्वभौमिक लक्ष्य रखा गया है। कमजोर आर्थिक वृद्धि से शिक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा सतत बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में जरूरी निवेश को जोखिम है। इसमें कहा गया है कि घरेलू तथा वैश्विक कारकों से सभी बड़े विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील क्षेत्रों में वृद्धि परिदृश्य कमजोर हुआ है।
विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में नरमी के पीछे कई कारकों को चिन्हित किया गया है जिसमें अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव फिर से बढ़ना, वित्तीय स्थिति में अचानक गिरावट तथा जलवायु परिवर्तन का बढ़ता प्रभाव शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अर्थशास्त्री तथा आर्थिक विकास मामलों के सहायक महासचिव एलियट हैरिस ने कहा, ‘‘वृद्धि में मौजूदा नरमी से निपटने के लिये अधिक व्यापक और लक्षित नीतिगत पहल की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अब स्पष्ट होता जा रहा है कि सतत विकास को बढ़ावा देने के लिये नीतियों को जीडीपी वृद्धि से ऊपर देखने की जरूरत है। साथ ही आर्थिक प्रदर्शन के आकलन को लेकर नये तथा अधिक मजबूत उपायों को चिन्हित करने की आवश्यकता है जो असमानत, असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन की लागत को उपयुक्त तरीके से प्रतिबिंबित करे।’’
डब्ल्यूईएसपी रिपोर्ट में व्यापार विवाद बने रहने तथा उच्च शुल्क की दर के कारण 2019 के लिये विश्व व्यापार की वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 2.7 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि 2018 में यह 3.4 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा है कि अतिरिक्त शुल्क लगाने, जवाबी कार्रवाई से विकासशील देशों खासकर निर्यात पर आश्रित अर्थव्यवस्था पर उल्लेखनीय रूप से प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं कमजोर अंतरराष्ट्रीय व्यापार गतिविधियों के लंबे समय तक बने रहने से निवेश संभावना को भी नुकसान पहुंच सकता है और मध्यम अवधि में उत्पादकता वृद्धि पर असर होगा।