केंद्रीय मंत्रिमंडलः गुरुग्राम मेट्रो रेल नेटवर्क विस्तार को मंजूरी, 5452 करोड़ की लागत, 28.5 किमी विस्तार और 27 स्टेशन, जानें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 7, 2023 04:21 PM2023-06-07T16:21:13+5:302023-06-07T18:34:44+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी गुरुग्राम के साथ द्वारका एक्सप्रेसवे साइड लाइन को जोड़ने वाली मेट्रो सम्पर्क के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस पर 5,452 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी।
बैठक के बाद गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि इसके तहत मेट्रो का 28.5 किलोमीटर का विस्तार होगा और इसमें 27 स्टेशन होंगे। मंजूरी के बाद से इस परियोजना को पूरा होने में चार वर्ष लगेंगे। गोयल ने बताया कि इससे हरियाणा खासकर गुरुग्राम एवं दिल्ली के लोगों को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गुरुग्राम के सूचना प्रौद्योगिकी, नवाचार का केंद्र होने के नाते मेट्रो का विस्तार होने से रोजगार के नये अवसर विकसित होंगे।
सरकारी बयान के अनुसार, इससे पुराने गुरुग्राम से नये गुरुग्राम को जोड़ा जा सकेगा तथा इस नेटवर्क से भारतीय रेलवे के स्टेशन भी जुड़ेंगे। इससे क्षेत्र का सम्पूर्ण आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा। इस परियोजना को हरियाणा वृहद त्वरित परिवहन निगम लिमिटेड (एचएमआरटीसी) द्वारा कार्यान्वित किया जायेगा।
मंजूरी के आदेश के बाद इसकी स्थापना केंद्र और हरियाणा सरकार के बीच विशेष कंपनी के रूप में 50:50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के आधार पर होगी। वहीं, शहरी विकास एवं आवास मामलों के मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस परियोजना के लिए रिण की व्यवस्था यूरोपीय निवेश बोर्ड और विश्व बैंक के साथ मिलकर की जायेगी।
मंत्रालय के अनुसार, गुरुग्राम की आबादी करीब 25 लाख है और अनुमानित रूप से नये लाइन पर प्रतिदिन सवारी वर्ष 2026 तक 5.34 लाख, वर्ष 2031 तक 7.26 लाख और वर्ष 2041 तक 8.81 लाख हो सकती है।