मोदी सरकार के 2014 से 2018 तक के बजट पिटारे में महिलाओं को क्या मिला खास, पढ़ें विशेष रिपोर्ट
By पल्लवी कुमारी | Published: January 27, 2019 08:11 AM2019-01-27T08:11:57+5:302019-01-27T11:47:56+5:30
महिलाएं मोदी सरकार के वित्त मंत्रा अरुण जेटली के बजट के कुछ खास प्रभावित नहीं हुई हैं। उन्हें बजट से जो उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हो पाईं। तो आइए नजर डालते हैं आम बजट 2018, 2017, 2016, 2015 के आम बजट में महिलाओं के हिस्से में क्या-क्या आया।
नरेन्द्र मोदी सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलने वाल है। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली मोदी सरकार ने अपने पिछले सारे आम बजट में महिलाओें के लिए क्या कुछ नया किया गया है और महिलाओं के विकास के लिए बजट में कितनी फंडिंग दी गई है... इस स्टोरी में हम आपको यही बताएंगे कि मोदी सरकार ने अपने बजट में महिलाओं की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसी सारी जरूरतों पर कितना फोकस किया गया है।
देश में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं के बीच महिला सुरक्षा को दरकिनार किया गया है या उनको थोड़ी-बहुत तवज्जो भी दी गई है। तो आइए नजर डालते हैं 2018, 2017, 2016, 2015 के आम बजट में महिलाओं के हिस्से में क्या-क्या आया।
1- आम बजट 2018-19 में महिलाओं के लिए की गईं घोषणाएं
a- वितमंत्री अरुण जेटली ने उज्ज्वला योजना के तहत तीन करोड़ नए मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाने की घोषणा की थी। यह योजना महिलाओं को धुंए से बचाने के लिए प्रदान की गई थी।
b-स्वच्छ भारत मिशन के तहत छह करोड़ से बढ़ाकर आठ करोड़ शौचालयों के निर्माण की योजना का ऐलान किया गया था। यानी दो करोड़ और शौचालयों के निर्माण के लिए ऐलान किया गया था।
c-महिलाओं के लिए शुरुआती तीन सालों के लिए EPF में शामिल होने के लिए मूल वेतन का 12 फीसदी योगदान घटाकर 8 फीसदी किया गया था। इससे प्रतिमाह हाथ में आने वाली आमदनी बढ़ोतरी हुई थी।
d-स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार ने 1.5 लाख मेडिकल सेंटर खोलने का ऐलान किया था।
e-सुकन्या समृद्धि में अच्छी सफलता को देखते हुए इसे और बढ़ाने का ऐलान किया गया था।
f- 75 हजार करोड़ रूपये महिला रोजगार पर खर्च किए जाने का भी ऐलान किया गया था।
g- इसके अलावा बच्चियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए गर्ल चाइल्ड अकाउंट पर काम किए जाने की भी बात कही गई थी।
2- आम बजट 2017-18 में महिलाओं के लिए की गईं घोषणाएं
a-उज्ज्वला योजना के तहत 2017 के आम बजट में सरकार ने 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस दी थी।
b- स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 6 करोड़ शौचालय बनाकर सरकार ने महिला गरिमा बढ़ाने में योगदान दिया था।
c- महिला विकास और सुरक्षा के नाम पर 1.84 लाख करोड़ रुपये बजट में दिए गए थे।
d-महिलाओं को सस्ता लोन देने के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को 20,000 करोड़ की राशि देने का ऐलान किया गया था। ताकी महिलाओं को सस्ते घर उपलब्ध कराए जा सके।
e- 14 लाख आंगनवाड़ी केन्द्रों पर महिला सशक्तिकरण के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
f-महिला सशक्तिकरण महिला शक्ति केंद्रों का उद्देश्य को बढ़ावा देने की बात की गई थी।
g- गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में 6000 रुपये सीधे ट्रांसफर किए जाने का ऐलान भी किया गया था।
h-ग्रामीण इलाकों में सेनीटेशन के लिए आवंटित बजट को 42 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया गया था।
i- महिला और बाल विकास के लिए सरकार आवंटन बढ़ाते हुए 1.56 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.84 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
3- आम बजट 2016-17 में महिलाओं के लिए की गईं घोषणाएं
a-ग्रामीण इलाकों में सेनीटेशन के लिए आवंटित बजट को 42 फीसदी किया गया था।
b-महिला और बाल विकास के लिए सरकार ने 1.56 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था।
c- 5 करोड़ बीपीएल परिवारों के लिए एलपीजी कनेक्शन देने के लिए 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई थी। जेटली ने आम बजट 2016 में बताया था कि 75 लाख लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छो़ड़ दी है।
d- बजट 2016 में 2.5 लाख अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमियों की भलाई के लिए 'स्टैंड अप इंडिया' की योजना की घोषणा की गई थी।
e- अनुसूचित और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावे के लिये 500 करोड़ देने का ऐलान किया गया था।
f-गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 9000 करोड़ आवंटित किए जाने की घोषणा की गई थी, जिसमें महिलाओं का विशेष ध्यान रखने की बात कही गई थी।
4- आम बजट 2015-16 में महिलाओं के लिए की गईं घोषणाएं
a-महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई थी, यानी सरकार निर्भया फंड में अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही थी। निर्भया फंड महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और सहायता करने के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है। निर्भया फंड की स्थापना 2012 में दिल्ली में बलात्कार की घटना के बाद की गई थी।
b-महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए बजट में 79,258 करोड़ रूपये देने का ऐलान किया गया था।
c-11.5 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी का खाते के जरिये नकद भुगतान का भी प्रावधान दिया गया था।
5- बजट 2014-15 में महिलाओं के लिए की गईं घोषणाएं
a- भारी बहुमत से चुनाव में जीतने के बाद मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 जुलाई को आम बजट पेश किया था। इस बजट में महिलाओं के लिए 98,030 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था।
b- वित्त मंत्री जेटली ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना की घोषणा करते हुए बालिका कल्याण के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित करने की घोषणा की थी।
c- सरकारी सड़क परिवहन में महिला सुरक्षा के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।
d- मेट्रो और बड़े शहरों में महिला सुरक्षा बढ़ाने पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का ऐलान किया गया था।
e- महिलाओं के लिए 100 जिलों में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनाने की बात कही गई थी।
समीक्षा
मोदी सरकार के हर बजट से यूं तो महिलाओं को काफी उम्मीदें थीं, जैसे कि इस बार बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर ज्यादा पैसा आवंटित किया जाए। महिला अपराधों के निपटारे के लिए अधिक संख्या में त्वरित अदालतों के लिए धन आवंटित हो। स्त्री शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। बजट में महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को तरजीह दी जाए। सरकार ने उसे पूरा करने की भी कोशिश की है लेकिन वह पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है।
इन सभी मुद्दों को देखा जाए तो बजट में महिलाओं को कहीं न कहीं नजरअंदाज किया गया है। इस 2018-19 के बजट से यह भी उम्मीद लगाई जा रही थी कि सरकार सैनेटरी पैड से जीएसटी हटाएगी, यह कदम महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर बहुत बड़ा सिद्ध हो सकता था। लेकिन इसे भी शामिल नहीं किया गया था। हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली से आम बजट पेश करके सबको खुश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन अपनी इस कोशिश में वो पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाए।
महिलाएं जेटली के बजट के कुछ खास प्रभावित नहीं हुई हैं। उन्हें बजट से जो उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हो पाई। महिलाओं की जरुरत की कई चीजें महंगी होने से महिलाएं संतुष्ट नहीं है। दवाइएं, घर लेना, केबल टीवी और वाईफाई, इंश्योरेंस पॉलिसी, फोन और मोबाइल के बिल, ड्राईक्लीन, जिम, ब्यूरी पार्लर जाना अभी भी सब महिलाओं को महंगा ही पड़ रहा है।