Union Budget 2024-25 start-up company: स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल’ कर समाप्त करने की घोषणा की। एंजल कर का मतलब वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाती है, यदि उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक है। अपने बजट भाषण में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा, “सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल कर को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं।” केंद्रीय बजट से पहले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप पर इस शुल्क को हटाने की सिफारिश की थी।
पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग ने नए एंजल कर नियमों को अधिसूचित किया था। इसमें गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप द्वारा निवेशकों को जारी किए गए शेयरों के मूल्यांकन की व्यवस्था शामिल है। जहां पहले एंजल कर सिर्फ स्थानीय निवेशकों पर लागू होता था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में विदेशी निवेश को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ा दिया गया है।
सरकार के पास 1.17 लाख से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं। ये सरकार की ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत प्रोत्साहन पाने के पात्र हैं। घोषणा पर टिप्पणी करते हुए, डेलॉयट इंडिया के साझेदार सुमित सिंघानिया ने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है क्योंकि इससे न केवल स्टार्टअप में निवेशकों के लिए कर लागत गणना को फिर से निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
बल्कि विदेशी रणनीतिक निवेशकों के लिए भी मदद मिलेगी। इंडसलॉ के साझेदार लोकेश शाह ने इसे एक बड़ी घोषणा बताया। उन्होंने कहा, “यह भारतीय कंपनियों, खासतौर पर स्टार्टअप के लिए बड़ी राहत की बात है। निवेशकों और भारतीय कंपनियों का समर्थन करने वाले निजी इक्विटी/उद्यम कोष के लिए यह खुशी की बात है।”