जीएसटी 2.0 लागू करने का समय, इसके दायरे में बिजली, तेल, गैस, रीयल एस्टेट और अल्कोहल लाया जाना चाहिए : उद्योग जगत

By भाषा | Published: June 30, 2019 07:06 PM2019-06-30T19:06:26+5:302019-06-30T19:06:43+5:30

Time to implement GST 2.0, electricity, oil, gas, real estate and alcohol should be brought under This: Industry | जीएसटी 2.0 लागू करने का समय, इसके दायरे में बिजली, तेल, गैस, रीयल एस्टेट और अल्कोहल लाया जाना चाहिए : उद्योग जगत

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को लागू हुए दो साल पूरे हो गए हैं। भारतीय उद्योग ने ऐसे में राय जताई है कि अब इस कर सुधार का तेजी से दूसरा चरण शुरू होना चाहिए और जीएसटी के दायरे में बिजली, तेल एवं गैस, रीयल एस्टेट और अल्कोहल को लाया जाना चाहिए। साथ ही कर के स्लैब को दो-तीन तक सीमित किया जाना चाहिए।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा कि जीएसटी 2.0 भारतीय अर्थव्यवस्था को वृद्धि के अगले चरण पर ले जाएगा।

सीआईआई ने अखिल भारतीय स्तर पर एकल पंजीकरण प्रक्रिया की भी वकालत की। एक अन्य उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा, ‘‘हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर समस्या अब सुलझ गई है।

हमें आगे बढ़ते हुए जीएसटी ढांचे के उद्देश्य यानी सरलीकृत अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली के लिए काम करना चाहिए।’’ उद्योग मंडल ने कहा कि जब अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) के सदस्य राज्य कर या केंद्रीय कर विभाग के अधिकारी होते हैं तो झुकाव राजस्व की ओर रहता हैं। इसी आधार पर वे जीएसटी कानून की व्याख्या करते हैं और फैसला सुनाते हैं।

फिक्की ने कहा कि विभिन्न राज्यों में राजस्व अधिकारियों के अलग-अलग फैसलों से एक असमंजस पैदा हुआ है। उद्योग मंडल ने सुझाव दिया कि सरकार को पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की तर्ज पर ही सरकार को एक स्वतंत्र उच्चस्तरीय केंद्रीय निकाय के गठन पर विचार करना चाहिए। सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ उद्योगपति आदि गोदरेज ने कहा कि दो साल में जीएसटी मजबूत हुआ और इसने अच्छे परिणाम दिए हैं।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि भारतीय उद्योग जगत ने भी काफी लचीला रुख दिखाया है और जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने में मदद दी है।

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