दूरसंचार क्षेत्र के सुधारों से देश की डिजिटल महत्वकांक्षा को मिलेगी उड़ान: कंपनियां
By भाषा | Published: September 15, 2021 09:49 PM2021-09-15T21:49:06+5:302021-09-15T21:49:06+5:30
नयी दिल्ली, 15 सितंबर दूरसंचार कंपनियों ने बुधवार को कहा कि क्षेत्र में किये गये सुधारों की सरकार की घोषणा उद्योग के लिये एक नये युग की शुरुआत है। इससे देश की डिजिटल महत्वाकांक्षा को नई गति मिलेगी। साथ ही यह कर्ज के बोझ से जूझ रहे दूरसंचार क्षेत्र में निवेश को गति देगा।
संकट में फंसी वोडाफोन आइडिया के प्रवर्तक कुमार मंगलम बिड़ला ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इससे क्षेत्र को महत्वपूर्ण गति मिलेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दबाव में फंसे दूरसंचार क्षेत्र के लिये बड़े सुधार पैकेज को मंजूरी दी। इस पैकेज में सांविधिक बकाये के भुगतान से चार साल की मोहलत, दुलर्भ रेडियो तरंगों को साझा करने की अनुमति, सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परिभाषा में बदलाव तथा स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति शामिल हैं।
बिड़ला ने कहा, ‘‘ये सुधार उद्योग के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को बताते हैं। उपाय लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करने को लेकर सरकार के ठोस निर्णय लेने की क्षमता को भी दर्शाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये सुधार 1.3 अरब लोगों की डिजिटल आकांक्षाओं को जीवंत करेंगे और हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की डिजिटल रूप से संचालित अर्थव्यवस्था की परिकल्पना को तेजी से साकार करन में मददगार होंगे।’’
वोडाफोन आइडिया में बिड़ला की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है।
उन्होंने जून में सरकार को पत्र लिखा था कि निवेशक एजीआर (सकल समायोजित राजस्व) देनदारी पर स्पष्टता के न होने, स्पेक्ट्रम भुगतान पर पर्याप्त मोहलत की कमी और सबसे महत्वपूर्ण सेवा की लागत से ऊपर न्यूनतम मूल्य व्यवस्था के अभाव से कंपनी में निवेश करने को तैयार नहीं हैं।
उन्होंने कर्ज में फंसी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सरकार या सरकार द्वारा तय किसी भी इकाई को सौंपने की पेशकश की थी।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार वोडाफोन आइडिया पर समायोजित सकल राजस्व देनदारी 58,254 करोड़ रुपये है। इसमें से कंपनी ने 7,854.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जबकि 50,399.63 करोड़ रुपये बकाया हैं।
कंपनी के ऊपर सकल कर्ज 1,80,310 करोड़ रुपये है। इसमें पट्टे से जुड़ी देनदारी शामिल नहीं हैं। कंपनी के कर्ज में टाले गये स्पेक्ट्रम भुगतान मद में 96,270 करोड़ रुपये तथा बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के 23,080 करोड़ रुपये शामिल हैं।
वोडाफोन आइडिया में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाले वोडाफोन समूह के सीईओ निक रीड ने सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत में प्रतिस्पर्धी और सतत दूरसंचार क्षेत्र के लिये व्यापक समाधान तलाशने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के चेयरमैन मुकेश अंबानी और भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने भी सुधारों की सराहना की है।
अंबानी ने कहा कि सरकार के नये सुधारों और राहत उपायों से दूरसंचार क्षेत्र डिजिटल इंडिया मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘दूरसंचार क्षेत्र अर्थव्यवस्था को गति देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है और भारत को एक डिजिटल समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं सरकार के सुधारों और राहत उपायों की घोषणा का स्वागत करता हूं। यह उद्योग को डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा...।’’
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए घोषित बड़े सुधारों से उद्योग अब बिना किसी डर के साहसिक तरीके से निवेश करने में सक्षम होगा।
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