68 साल बाद 'एअर इंडिया' की टाटा में होगी घर वापसी, विक्री में टाटा ग्रुप ने लगाई सबसे अधिक बोली
By अनिल शर्मा | Published: October 1, 2021 11:45 AM2021-10-01T11:45:01+5:302021-10-01T12:08:45+5:30
एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा समूह ने सबसे अधिक कीमत की बोली लगाकर बिड जीत ली है।
सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया (Air India) अब टाटा समूह के नियंत्रण में जाएगी। ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों के एक पैनल ने कर्ज में डूबी सरकारी एअरलाइन एयर इंडिया के लिए टाटा संस की बोली की सिफारिश करने वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा समूह ने सबसे अधिक कीमत की बोली लगाकर बिड जीत ली है।
एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसकी घोषणा जल्द कर सकती है। दिसंबर तक टाटा को एअर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है। टाटा के नियंत्रण में आने के बाद एअर इंडिया का नाम बदलकर महाराजा रखा जाएगा।
गौरतलब है कि एअर इंडिया की शुरुआत साल 1932 में टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने की थी। जे. आर. डी. टाटा खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे। हालांकि दूसरे विश्व युद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब विमान सेवाएं फिर से बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एअरलाइंस का नाम बदलकर एअर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। आजादी के बाद 1947 में एअर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी।
उधर, बिड पूरी होने के बाद टाटा संस के प्रवक्ता ने इस बाबत कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार घाटे में चल रही एअरलाइन में अपने पूरे हित को बेचने पर जोर दे रही है। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय वाहक को चलाने के लिए सरकार को हर दिन लगभग 200 मिलियन रुपये का नुकसान होता है, जिससे 700 अरब रुपये ($9.53 बिलियन) से अधिक का नुकसान हुआ है।