कोरोना पिछले 100 साल में सबसे बड़ा संकट, भारतीय कंपनियों और उद्योगों ने बेहतर काम किया: शक्तिकांत दास
By विनीत कुमार | Published: July 11, 2020 12:11 PM2020-07-11T12:11:48+5:302020-07-11T12:50:56+5:30
सातवें एसबीआई बैंकिंग एंड इकनॉमिक्स कॉनक्लेव में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लॉकडाउन के प्रतिबंध हटने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के वापस सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत दिखने शुरू हो गये हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को सातवें एसबीआई बैंकिंग एंड इकनॉमिक्स कॉनक्लेव में कहा कि कोरोना संकट के समय में भी भारतीय कंपनियों और उद्योगों ने बेहतर काम किया। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संकट ने दिखा दिया कि देश की अर्थव्यवस्था और इसका फाइनेंशियल सिस्टम कितना मजबूत और लचीला है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक तंत्र को संरक्षित रखने, मौजूदा संकट में अर्थव्यवस्था को सहयोग देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'आरबीआई के लिए विकास पहली प्राथमिकता है, वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।'
उन्होंने कहा, 'आरबीआई ने उभरते जोखिमों की पहचान करने के लिए अपने ऑफसाइट निगरानी तंत्र को मजबूत किया है। आरबीआई पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के लिहाज से समाधान निकालने के लिए भी सभी हितधारकों से बात कर रहा है।'
100 सालों में कोरोना सबसे बड़ा संकट
शक्तिकांत दास ने कहा, 'पिछले 100 सालों में कोरोना सबसे बड़ा स्वास्थ्य और आर्थिक संकट बनकर उभरा है। इसने कई नकारात्मक प्रभाव डाले हैं। इसमें उत्पादन से लेकर नौकरी तक शामिल है। इसने मौजूदा विश्व को चोट पहुंचाई है। वैश्विक स्तर पर कैपिटल से लेकर लेवर मूवमेंट पर प्रभाव डाला है।'
#COVID19 is the worst health & economic crisis in last 100 years with unprecedented negative consequences for output, jobs & well being. It dented the existing world order, global value chains, labour&capital movements across globe: RBI Guv at 7th SBI Banking & Economics Conclave pic.twitter.com/NFDzJ0gkFT
— ANI (@ANI) July 11, 2020
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, 'फरवरी 2019 से अब तक कुल मिलाकर रेपो रेट में करीब 135 बेसिस प्वाइंट की कटौती हुई है। ऐसा मुख्य तौर पर ग्रोथ में आई गिरावट से निपटने के लिए किया गया जो उस समय दिख रहा था।'
शक्तिकांत दास ने साथ की कहा, 'प्रतिबंधों में ढील के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटाने के संकेत दिखाई देने लगे हैं।' उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य विशेष से संबंधित और व्यापक स्तर के सुधार के तमाम उपायों की पहले ही घोषणा कर दी है, इनसे देश की संभावित वृद्धि को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मौद्रिक, वित्तीय, नियामकीय और ढांचागत सुधारों के क्षेत्र में जो भी उपाय किये गये हैं उनसे निकट भविष्य में कम से कम व्यावधान के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने में जरूरी परिस्थितियां बनाने में मदद मिलेगी।