सेज में शुल्क लेकर हाे रही मालवाहक वाहनाें की एंट्री, उत्पादन और निर्माण में कंपनियाें काे हाे रही दिक्कतें

By वसीम क़ुरैशी | Published: September 2, 2021 08:41 PM2021-09-02T20:41:21+5:302021-09-02T20:42:41+5:30

कंपनी के अधिकारियाें ने नाम प्रकाशित न किए जाने की शर्त पर बताया कि आवश्यक प्रमाणपत्र के लिए डेढ़-दाे साल से फाइल लंबित हैं.

SEZ goods vehicles taking charges Companies facing problems entry production and construction | सेज में शुल्क लेकर हाे रही मालवाहक वाहनाें की एंट्री, उत्पादन और निर्माण में कंपनियाें काे हाे रही दिक्कतें

कंपनी की बस में चढ़कर डीसी ऑफिस के एक अधिकारी ने कर्मचारियाें के पासेस जमा कर लिए थे. (फाइल फोटो)

Highlightsपाैधाें के नाम पर एंट्री का शुल्क लिया जा रहा है लेकिन कहीं पाैधाराेपण किया ही नहीं गया.कस्टम क्लियरेंस में भारी असुविधा बनी हुई है.कस्टम गेट न हाेने की वजह से शिपमेंट के लिए अधिकारी यूनिट में पहुंचते हैं.

नागपुरः मिहान-सेज में उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल, उपकरण, या मशीनाें काे लाने वाले वाहनाें से शुल्क वसूला जा रहा है. निर्माण सामग्री, जेसीबी, हाईड्रा आदि के लिए भी चार्ज वसूला जा रहा है. कंपनी के गेट पास काे काेई तरजीह नहीं मिल पा रही है.

 

 

इन सब वजहाें से मिहान-सेज की कंपनियां नाखुश हैं. बड़ी परेशानी ये भी है कि इन कंपनियाें की सलाह पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मटेरियल वेरिफिकेशन यहां काफी दिक्कत भरा बताया जा रहा है. कंपनी की सुविधा वाले समय के बजाय अधिकारी अपनी सुविधा वाले समय काे तरजीह दे रहे हैं.

कुछ कंपनी के अधिकारियाें ने नाम प्रकाशित न किए जाने की शर्त पर बताया कि आवश्यक प्रमाणपत्र के लिए डेढ़-दाे साल से फाइल लंबित हैं. पाैधाें के नाम पर एंट्री का शुल्क लिया जा रहा है लेकिन कहीं पाैधाराेपण किया ही नहीं गया. कस्टम क्लियरेंस में भारी असुविधा बनी हुई है.

कस्टम गेट न हाेने की वजह से शिपमेंट के लिए अधिकारी यूनिट में पहुंचते हैं. यूनिट के गेट पर यदि कंपनी के सुरक्षाकर्मी पूछताछ करते हैं ताे कई दफा वे वापस चले जाते हैं. बताया गया है कि युनिट्स की दिक्कताें काे दूर करने के लिए हर 15 दिन में कंपनी व संबंधित प्रशासन व प्रबंधन के बीच समीक्षा बैठकें हाेनी चाहिए लेकिन ये भी नहीं हाे पा रहा है.

कुछ समय पहले एक कंपनी की बस में चढ़कर डीसी ऑफिस के एक अधिकारी ने कर्मचारियाें के पासेस जमा कर लिए थे. सूत्राें ने बताया कि मिहान-सेज के विकास के लिए ऐसी कार्यप्रणाली उचित नहीं है. कई दफा शिकायताें के लिए युनिट्स के जिम्मेदार संपर्क करना चाहते हैं ताे अधिकारी उपलब्ध ही नहीं रहते.

ऐसी स्थिति में मिहान-सेज की चिंता करने वाले उपराजधानी के जनप्रतिनिधियाें से भी गंभीर दखल की अपेक्षा जताई जा रही है. कुछ दिन पहले पालकमंत्री ने 15 दिन में समीक्षा बैठक के निर्देश दिए थे लेकिन उसका भी पालन हाेता नहीं दिख रहा है.

इन मामलाें काे लेकर जब मिहान-सेज के विकास आयुक्त शरमन रेड्डी से संपर्क किया गया ताे उन्हाेंने कहा कि आज ही उन्हाेंने सुरक्षाकर्मियाें काे शुल्क न लेने संबंधी निर्देश दिए हैं. हालांकि अन्य सवालाें पर उन्हाेंने जवाब नहीं दिया और कार्यालय में पहुंचकर संपर्क करने काे कहा.

 

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