लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद भारत को विदेश व्यापार में हो सकता है नुकसान, देखें एसबीआई रिपोर्ट

By भाषा | Published: June 8, 2020 08:01 PM2020-06-08T20:01:44+5:302020-06-08T20:01:44+5:30

देश में काफी समय तक लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती होने के कारण भारत के विदेश व्यापार में नुकसान हो सकता है। एसबीआई शोध की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष की समाप्ति चालू खाते में सरप्लस की स्थिति के साथ कर सकता है।

SBI report says India may be suffer loss in foreign trade after long time lockdown | लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद भारत को विदेश व्यापार में हो सकता है नुकसान, देखें एसबीआई रिपोर्ट

आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती जारी रहने से विदेश व्यापार के मोर्चे पर गणित गड़बड़ा सकता है (Photo-SBI)

Highlights देश की आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती छाये रहने का भारत के विदेश व्यापार क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष की समाप्ति चालू खाते में सरप्लस की स्थिति के साथ कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष की समाप्ति चालू खाते में सरप्लस की स्थिति के साथ कर सकता है।

मुंबई: देश की आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती छाये रहने का भारत के विदेश व्यापार क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वर्तमान में यह बाहरी क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के नरम दाम के चलते संतोषजनक स्थिति में है। स्टेट बैंक की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एसबीआई शोध की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष की समाप्ति चालू खाते में सरप्लस की स्थिति के साथ कर सकता है।

इसमें कहा गया है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार नीचे बने रहते हैं और वर्ष के दौरान उनमें कोई उठापटक नहीं आती है तो भारत की स्थिति बाहरी मोर्चे पर बेहतर रह सकती है। इसमें कहा गया है, ‘‘हमें वर्ष 2020- 21 के दौरान विदेश व्यापार के मोर्चे पर ध्यान रखना होगा क्योंकि आर्थिक वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती जारी रहने से विदेश व्यापार के मोर्चे पर गणित गड़बड़ा सकता है, खासतौर से रुपये की विनिमय दर पर असर पड़ सकता है।

’’ रिपोर्ट में इस बात पर गौर किया गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2016- 17 में 8.3 प्रतिशत से घटकर 2019- 20 में 4.2 प्रतिशत पर आ गया है। वहीं चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत तक कमी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि दर में 9 प्रतिशत गिरावट का संकेत मिलता है। कोरोना वायरस के चलते वर्ष 2019- 20 के मुकाबले यह नौ प्रतिशत की बड़ी गिरावट होगी। इसमें हमारी बाहरी मोर्चे पर वहनीय स्थिति बने रहना ही अच्छी बात है।

जून 2019 में जीडीपी के मुकाबले कुल बाहरी ऋण 19.8 प्रतिशत के अनुपात पर बना रहा। कोविड- 19 के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 18 मई तक प्रतिदिन एक लाख से कम परीक्षण हो रहे थे। लेकिन इसके बाद यह संख्या एक लाख प्रतिदिन तक पहुंच गई। जून के पहले सात दिनों के दौरान भारत में औसतन 1.32 लाख कोविड- 19 परीक्षण किये गये। वहीं छह और सात जून को यह संख्या 1.40 लाख प्रतिदिन से ऊपर निकल गई। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘शायद यही वजह रही कि संक्रमण के नये मामले तेजी से बढ़ते दिखने लगे हैं।’’

Web Title: SBI report says India may be suffer loss in foreign trade after long time lockdown

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