जीडीपी वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1.2 फीसदी रहने का अनुमान, एसबीआई रिपोर्ट की रिपोर्ट में खुलासा

By भाषा | Published: May 26, 2020 05:19 PM2020-05-26T17:19:16+5:302020-05-26T17:32:58+5:30

एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार, लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां थम गई, जिसका असर आर्थिक वृद्धि पर हुआ। वहीं, देश की जीडीपी वृद्धि दर के बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

SBI report says GDP growth forecast to be 1.2 percent in fourth quarter of last fiscal | जीडीपी वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1.2 फीसदी रहने का अनुमान, एसबीआई रिपोर्ट की रिपोर्ट में खुलासा

पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 4.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।  (फाइल फोटो)

Highlightsराष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 29 मई को वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़ों की घोषणा करेगा।पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि घटकर सात साल के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई थी।

मुंबई: देश की जीडीपी वृद्धि दर के बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां थम गई, जिसका असर आर्थिक वृद्धि पर हुआ। एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 4.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 29 मई को वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़ों की घोषणा करेगा। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि घटकर सात साल के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई थी। वित्त वर्ष 20202 की पहली और दूसरी तिमाही में वृद्धि दर क्रमश: 5.1 प्रतिशत और 5.6 प्रतिशत थी। शोध रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि चौथी तिमाही (वित्त वर्ष 2019-20) में जीडीपी वृद्धि 1.2 आसपास होगी, क्योंकि मार्च महीने के आखिरी सात दिनों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ गईं थीं।’’ 

रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के उन सात दिनों में कम से कम 1.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘ऐसे में वित्त वर्ष 2019-20 की वार्षिक वृद्धि दर करीब 4.2 प्रतिशत रहेगी, जिसके पाच प्रतिशत रहने का अनुमान था।’’ रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि नकारात्मक 6.8 प्रतिशत के करीब रह सकती है और सकल मूल्यवर्धित (जीवीए) वृद्धि करीब नकारात्मक 3.1 प्रतिशत रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नुकसान रेड जोन में हुआ, जहां देश के लगभग सभी बड़े जिले स्थित हैं। 

कुल नुकसान में रेड जोन और ऑरेंज जोन की करीब 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 10 राज्यों के जीडीपी नुकसान में 75 प्रतिशत योगदान का अनुमान है। नुकसान में सिर्फ महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 15.6 प्रतिशत होगी, जिसके बाद तमिलनाडु (9.4 प्रतिशत) और गुजरात (8.6 प्रतिशत) का स्थान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून के अंतिम सप्ताह में देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले अपने उच्चतम स्तर पर हो सकते हैं।

Web Title: SBI report says GDP growth forecast to be 1.2 percent in fourth quarter of last fiscal

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