जियो ने रविशंकर प्रसाद से कहा, कॉल दरों को बढ़ाने और टेलीकॉम ऑपरेटर्स को वित्तीय सहायता की मांग खारिज की जाए
By विनीत कुमार | Published: October 31, 2019 03:36 PM2019-10-31T15:36:09+5:302019-10-31T15:38:13+5:30
इससे पहले सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएसन ऑफ इंडिया ने सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा था कि केंद्र के तत्काल किसी तरह की राहत देने के अभाव में निजी क्षेत्र की तीन में से दो दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को ‘अनपेक्षित संकट’ का सामना करना पड़ेगा।
विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल कॉल और डाटा दरें बढ़ानें को लेकर सरकार पर बनाये जा रहे दबावों के बीच
रिलायंस जियो अलग रुख अपनाया है। रिलायंस जियो ने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से गुरुवार को कहा कि सरकार को भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियों की मांग को नहीं मानना चाहिए।
इससे पहले सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएसन ऑफ इंडिया (COAI) ने मंगलवार को ये मांग रखी। मांग के अनुसार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ रुपये जमा कराना जरूरी है। साथ ही इसमें वार्षिक सकल राजस्व (एजीआर) के तहत ब्याज का भी शामिल होना जरूरी है। COAI ने इसमें केंद्र सरकार से राहत सहित कॉल दरों को बढ़ाने की बात की थी।
जियो ने इस पर कहा है कि दूरसंचार कंपनियों के पास सरकार के बकायों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त वित्तीय क्षमता है। साथ ही जियो ने कहा कि दूरसंचार सेवाप्रदाताओं का संगठन सीओएआई कंपनियों के लिए सरकारी राहत पाने के लिए भय की भाषा बोल रहा है।
इससे पहले जियो ने बुधवार को भी सीओएआई पर सरकार को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि संगठन की ओर से हाल में सरकार को भेजे गए एक पत्र में दूरसंचार क्षेत्र में भ्रामक संकट बताया गया है और उसके पत्र का लहजा सरकार को ‘धमकाने और ब्लैकमेल’ करने वाला है।
बता दें कि सीओएआई ने सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि केंद्र के तत्काल किसी तरह की राहत देने के अभाव में निजी क्षेत्र की तीन में से दो दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को ‘अनपेक्षित संकट’ का सामना करना पड़ेगा। यह कंपनियां मौजूदा मोबाइल ग्राहकों के 63 प्रतिशत को सेवा मुहैया कराती हैं।