RBI Monetary Policy Live Updates: वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीसरी मीटिंग के बाद आज सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बैठक के नतीजे घोषित करते हुए बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, लगातार 9वीं बार रेपो रेट 6.50% पर बरकरार रखा गया है। केंद्रीय बैंक ने पिछले 18 महीनों से दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि आम आदमी को फिलहाल कर्ज को लेकर कोई राहत नहीं मिलेगी।
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा, "घरेलू आर्थिक गतिविधि लचीली बनी हुई हैं। दूसरी तरफ, दक्षिण-पश्चिमी मानसून से सप्लाई-चैन प्रभावित हुई, उच्च संचयी खरीफ बुआई और जलाशयों के स्तर बढ़ने से खरीफ वाली फसलों के लिए अच्छा मानसून है। घरेलू मांग में सुधार के कारण विनिर्माण गतिविधियों में तेजी जारी है"।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने पुराने होमलोन पर अतिरिक्त कर्ज (टॉप-अप होम लोन) लेने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई; ऋणदाताओं से सुधारात्मक कार्रवाई करने का आह्वान भी किया है।
आरबीआई (RBI) के अनुसार, बैंक में जमा भी कम हो गई और साथ ही बैंक इस कारण भी गुजर रहे हैं कि क्रेडिट कार्ड की डिमांड घट चुकी है, दूसरी ओर वैकल्पिक निवेश के रास्ते खुदरा निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक होते जा रहे हैं।
शक्तिकांत दास के मुताबिक, एमपीसी में सब्जी को लेकर बढ़ी महंगाई को लेकर बात हुई, जैसी कि केंद्रीय बैंक देख पा रहा है, एमपीसी किसी भी जोखिम को लेने के लिए तैयार नहीं है। इसे खाद्य वस्तुओं लगातार महंगाई के दौर से गुजर रही हैं, जिसके प्रभावों को रोकने और मौद्रिक नीति की विश्वसनीयता में अब तक हुए लाभ को बनाए रखने के लिए सतर्क रहना होगा।
इसके साथ उन्होंने ये भी बताया कि वित्त वर्ष 25 में ग्रोथ 7.2 फीसदी से ज्यादा बढ़ने वाली हैं। जहां तक उपभोक्ता प्राइस इंडेक्स का सवाल है, वित्त वर्ष 2015 के लिए आरबीआई के 4.5 फीसदी के पूर्वानुमान में कुछ मामूली वृद्धि के जोखिम हो सकते हैं। हालांकि, आरबीआई अगस्त एमपीसी बैठक में अपने पिछले अनुमान को बरकरार रख सकता है।
शक्तिकांता दास ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% रहने का अनुमान बरकरार रखा है। पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.3% से घटाकर 7.1% कर दिया है, जबकि Q2 के लिए 7.2%, Q3 के लिए GDP ग्रोथ 7.3% और Q4 के लिए 7.2% GDP ग्रोथ का अनुमान पहले की तरह बरकरार रखा है।
गर्वनर ने कहा, "हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2015 में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 4.8% रहेगी। केयर रेटिंग्स ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए, एमपीसी सावधानी बरतेगी और नीति दरों और रुख में किसी भी बदलाव पर विचार करने से पहले मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण, विशेष रूप से खाद्य टोकरी के संबंध में उभरते जोखिमों पर और स्पष्टता की मांग करेगी"।