RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोन जबरन वसूल करने वाले एजेंट को दी चेतावनी, कहा- कठोर कार्रवाई में संकोच नहीं करेंगे
By रुस्तम राणा | Published: June 17, 2022 06:58 PM2022-06-17T18:58:27+5:302022-06-17T19:00:33+5:30
शक्तिकांत दास ने कहा कि लोन वसूली के लिए एजेंट्स गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे लोन चुकाने वालों को गलत समय में फोन कर रहे हैं और उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है।
नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ग्राहक सेवा के संदर्भ में लोन की कठोर वसूली करने वाले एजेंट्स को चेतावनी दी है। गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक उन मामलों में गंभीर कार्रवाई करेगा जहां विनियमित संस्थाएं शामिल हैं। एजेंट को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोन की वसूली के लिए कठोर कदम न उठाएं। मामले की पर्याप्त जानकारी जुटाएं।
शक्तिकांत दास ने कहा कि लोन वसूली के लिए एजेंट्स गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे लोन चुकाने वालों को गलत समय में फोन कर रहे हैं और उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा है कि आरबीआई की ओर से ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा ऐसी घटनाओं पर हम गंभीर रूप से ध्यान दे रहे हैं।
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि ऐसी घटनाएं ज्यादातर अनियमित संस्थाओं से होती हैं। केंद्रीय बैंक को आरबीआई द्वारा रेग्युलेटेड संस्थाओं के द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस तरह की घटनाओं का पता चला है, जिसके बाद सभी प्लेयर्स से इस पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
दास ने एफई द्वारा आयोजित मॉडर्न बीएफएसआई शिखर सम्मेलन 2022 में बोलते लोन वसूलने वाले एजेंट्स को एक तरह से स्पष्ट संदेश दिया है। आरबीआई गर्वनर की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एजेंटों द्वारा कठोर वसूली प्रथा के कारण कई उधारकर्ताओं द्वारा आत्महत्या के आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा, “हमने इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे जहां विनियमित संस्थाएं शामिल हैं। अनियमित संस्थाओं के खिलाफ इस तरह की शिकायतों को उपयुक्त कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ उठाया जाना चाहिए।"
इसके अलावा, आरबीआई ने हाल ही में आरबीआई विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है जो अन्य बातों के साथ-साथ ग्राहक सेवा परिदृश्य की जरूरतों की समीक्षा करेगी और उनका वितरण, और समग्र उपभोक्ता संरक्षण ढांचे को मजबूत करने के उपाय सुझाएगी।