RBI Governor Shaktikanta Das: कुछ ऋणदाताओं को असुरक्षित ऋण की अंधी दौड़ जारी!, गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा- नहीं रोका गया तो ‘बड़ी समस्या’...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 20, 2024 01:31 PM2024-06-20T13:31:45+5:302024-06-20T13:33:01+5:30

RBI Governor Shaktikanta Das: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।

RBI Governor Shaktikanta Das said Blind race unsecured loans some lenders continues 'big problem' if not stopped | RBI Governor Shaktikanta Das: कुछ ऋणदाताओं को असुरक्षित ऋण की अंधी दौड़ जारी!, गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा- नहीं रोका गया तो ‘बड़ी समस्या’...

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HighlightsRBI Governor Shaktikanta Das: असुरक्षित कर्ज में वृद्धि के कारण इस बाजार में संभावित समस्या हो सकती है।RBI Governor Shaktikanta Das: अंधी दौड़ में शामिल होने की मानसिकता के ‘स्पष्ट सबूत’ हैं। RBI Governor Shaktikanta Das: कमज़ोरियों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये एक बड़ी समस्या बन सकती हैं।

RBI Governor Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि असुरक्षित कर्ज पर कार्रवाई नहीं करने से ‘बड़ी समस्या’ पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों पर आरबीआई की कार्रवाई से असुरक्षित कर्ज में वृद्धि धीमी होने का वांछित प्रभाव पड़ा है। यहां आरबीआई के कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स में वित्तीय मजबूती पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि असुरक्षित ऋण पर प्रतिबंध इस दृष्टिकोण का परिणाम है कि असुरक्षित कर्ज में वृद्धि के कारण इस बाजार में संभावित समस्या हो सकती है।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मुख्य मानदंड अच्छे दिख रहे हैं, लेकिन मानकों में ढील, उचित मूल्यांकन का अभाव और कुछ ऋणदाताओं के बीच असुरक्षित ऋण को बढ़ावा देने के लिए अंधी दौड़ में शामिल होने की मानसिकता के ‘स्पष्ट सबूत’ हैं। दास ने कहा, “हमने सोचा कि अगर इन कमज़ोरियों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये एक बड़ी समस्या बन सकती हैं।

इसलिए, हमने सोचा कि पहले से ही कार्रवाई करना और ऋण वृद्धि को धीमा करना बेहतर है।” उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि आरबीआई की कार्रवाई का वांछित प्रभाव पड़ा है, क्योंकि असुरक्षित ऋण में वृद्धि वास्तव में धीमी हो गई है। दास ने कहा कि क्रेडिट कार्ड खंड में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।

पिछले वर्ष 16 नवंबर को आरबीआई ने गैर-जमानती ऋण और एनबीएफसी को दिए जाने वाले ऋण पर जोखिम भार बढ़ा दिया था, जिससे बैंकों को ऐसी परिसंपत्तियों पर अधिक मात्रा में पूंजी रखनी होगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा, “भारत का घरेलू वित्तीय तंत्र अब कोविड संकट के दौर में प्रवेश करने से पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। भारतीय वित्तीय तंत्र अब बहुत मजबूत स्थिति में है, जिसकी विशेषता मजबूत पूंजी पर्याप्तता, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का निम्न स्तर और बैंकों व गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं की स्वस्थ लाभप्रदता है।”

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