करंसी को लेकर RBI ने पेश की रिपोर्ट, कांग्रेस ने कहा- नोटबंदी पर 'झूठ' के लिए माफी मांगेगे पीएम ?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 29, 2018 02:37 PM2018-08-29T14:37:21+5:302018-08-29T16:55:46+5:30
नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का आधिकारिक आंकड़ा आरबीआई ने पेश कर दिया है। आरबीआई के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के दौरान जितने भी पुराने नोट जमा हुए थे उससे ज्यादा अब बाजार में उतारे जा चुके हैं।
नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का आधिकारिक आंकड़ा आरबीआई ने पेश कर दिया है। आरबीआई के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के दौरान जितने भी पुराने नोट जमा हुए थे उससे ज्यादा अब बाजार में उतारे जा चुके हैं। 2016 नवंबर में 15.44 लाख करोड़ रुपए की ना चलने वाली बाहर आई थी।
जबकि 2018 मार्च तक 18.03 लाख करोड़ रुपए के नोट बाजार में आ गए थे। 2017 में एक साल में इसमें 37.7% की बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2017 तक जितनी करंसी सिस्टम में थी, उसमें 72.7% नोट 500 और 2000 रुपए के थे। जबकि मार्च 2018 तक बाजार में मौजूद कुल नोटों में 500 और 2000 रुपए के नोटों की संख्या 80.2% हो गई। आरबीआई के अनुसार बहुत तेजी से वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। साथ ही सालाना आधार पर देखा जाए तो महंगाई भी कम हुई है। इसके लिए जीएसटी ने अहम भूमिका निभाई है।
आरबीआई के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ। देश में निवेश और निर्माण बढ़ा। सालाना आधार पर महंगाई कम हुई। पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले क्रेडिट ग्रोथ भी डबल डिजिट में लौट आई। अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में जीएसटी अहम साबित हुआ।
वहीं, नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का आधिकारिक आंकड़ा सामने आने के बाद कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या वह 'झूठ बोलने' के लिए माफी मांगेगे।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'आरबीआई की रिपोर्ट से फिर साबित हो गया कि नोटबंदी व्यापक स्तर की 'मोदी मेड डिज़ास्टर' थी। चलन से बाहर हुए 99.30 फीसदी नोट वापस आ गये हैं।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2017 में स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में दावा किया था कि तीन लाख करोड़ रुपये वापस आ रहे हैं।'उन्होंने सवाल किया, 'मोदी जी, क्या आप वह झूठ बोलने के लिए माफी मांगेंगे ?'आरबीआई ने आज आंकड़े जारी कर बताया कि नोटबंदी के दौरान 15 लाख 41 हजार करोड़ रुपये चलन में थे। इनमें से 15 लाख 31 हजार करोड़ रुपये अब तक वापस आ चुके हैं।