आरबीआई का बड़ा ऐलान, क्रेडिट कार्ड के जरिए भी अब कर सकेंगे यूपीआई भुगतान, जानें शक्तिकांत दास ने क्या कहा
By विनीत कुमार | Published: June 8, 2022 12:33 PM2022-06-08T12:33:48+5:302022-06-08T12:39:50+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड से यूपीआई भुगतान की मंजूरी दे दी है। इसकी शुरुआत सबसे पहले Rupay क्रेडिट कार्ड से की जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा आज की।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट कार्ड से यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से पेमेंट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए बुधवार को ये बड़ी घोषणा की।
आरबीआई के ताजा फैसले का मकसद यूपीआई का दायरा बढ़ाना है। फिलहाल इसकी शुरुआत रूपे (Rupay) क्रेडिट कार्ड से होगी। इससे ग्राहकों को यूपीआई मंच से भुगतान करना और सुगम होगा। फिलहाल यूपीआई बचत/चालू खातों को जोड़कर लेन-देन को सुगम बनाता है।
शक्तिकांत दास ने कहा, 'UPI भारत में भुगतान का अहम माध्यम बन गया है। वर्तमान में 26 करोड़ से अधिक यूनिक यूजर्स और 5 करोड़ व्यापारी UPI प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं। अकेले मई 2022 में UPI के माध्यम से 10.40 लाख करोड़ रुपये के 594.63 करोड़ लेनदेन यूपीआई के जरिए किए गए।'
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, 'यूपीआई वर्तमान में यूजर्स के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत/ चालू खातों को जोड़कर लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसकी पहुंच और उपयोग को और बढ़ाने के लिए, क्रेडिट कार्डों को यूपीआई से जोड़ने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। शुरुआत में रुपे क्रेडिट कार्ड इस सुविधा के साथ लैस होंगे। इस व्यवस्था से यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करने में ग्राहकों को अधिक अवसर और सुविधा मिलने की उम्मीद है। कुछ जरूर सिस्टम डेवलपमेंट पूरा होने के बाद यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए एनपीसीआई को आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।'
रेपो को बढ़ाने सहित आरबीआई के ये बड़े फैसले भी
आरबीआई गवर्नर की ओर से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत किए जाने का ऐलान भी बुधवार को किया गया। इस कदम से ऋण महंगा होगा और कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी। इससे पहले, चार मई को आरबीआई ने अचानक से रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
आरबीआई ने इस साल मानसून सामान्य रहने तथा कच्चे तेल का दाम औसत 105 डॉलर प्रति बैरल रहने की मान्यताओं के आधार पर मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2022-23 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 7.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है।
शक्तिकांत दास के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता या नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
इसके अलावा शहरी सहकारी बैंकों को अनुसूचित बैंकों की तरह घरों तक अपने ग्राहकों को बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट...रिहायशी मकान...के लिये कर्ज देने की मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा घरों के दाम में वृद्धि और ग्राहकों की जरूरतों को देखते हुए शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिये व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा बढ़ाने की भी अनुमति दी गयी है।
(भाषा इनपुट)