राजस्थान समय से पहले ही हासिल करेगा अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य : गहलोत
By भाषा | Published: November 27, 2020 08:24 PM2020-11-27T20:24:41+5:302020-11-27T20:24:41+5:30
जयपुर, 27 नवम्बर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान वर्ष 2024-25 तक तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड तथा हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाकर निवेशकों को विशेष सुविधाएं देने की रणनीतियों के चलते यह संभव हो पाएगा।
गहलोत केन्द्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के संयुक्त तत्वाधान में वर्चुअल माध्यम से आयोजित तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्रियों के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं। इस कारण हमारे यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 10 हजार मेगावाट क्षमता की सौर व पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं तथा 27 हजार मेगावाट की क्षमता के संयत्र स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य के वर्ष 2024-25 तक के अक्षय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्यों को समय पूर्व हासिल कर इन्हें पुनर्निधारित कर बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है। हम इस लक्ष्य को दीर्घावधि में हासिल करने के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं।
गहलोत ने कहा कि राज्य के जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों में 1.25 लाख हैक्टेयर भूमि मरूस्थलीय व बंजर जमीन के रूप में उपलब्ध है। इसमें से अधिकतर भूमि राजस्व विभाग की है, जिसका उपयोग वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है। उन्होंने निवेशकों को राज्य में इस क्षेत्र में कारोबार के लिए आमंत्रित करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने उनके अनुकलू राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स)-2019, सौर ऊर्जा नीति-2019, विण्ड एण्ड हाइब्रिड एनर्जी पालिसी-2019 घोषित की हैं।
गहलोत ने कहा कि बेहतर नीतियों के कारण ऊर्जा उत्पादन लागत घटी है। सम्मेलन में केन्द्रीय नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर.के. सिंह ने बताया कि हाल ही में राजस्थान के लिए सौर ऊर्जा परियोजना के लिए खोली गई निविदाओं में उत्पादन की लागत दो रूपए प्रति यूनिट तथा दो रूपए एक पैसा प्रति यूनिट आई, जो देश में सबसे कम है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री गहलोत को बधाई दी।
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