रेलवे ट्रैक परियोजनाः 6405 करोड़ की लागत, 3 राज्य, 7 जिला, 1408 गांव और आबादी 28.19 लाख, जानें फायदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 12, 2025 11:16 IST2025-06-12T11:13:33+5:302025-06-12T11:16:24+5:30
Railway track project: स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,408 गांवों तक रेल संपर्क बढ़ेगा। इन गांवों की कुल आबादी लगभग 28.19 लाख है।

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नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों से होकर गुजरने वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल लागत 6,405 करोड़ रुपये है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इन दोनों रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। स्वीकृत परियोजनाओं में से एक 133 किलोमीटर लंबे कोडरमा-बरकाकाना ट्रैक के दोहरीकरण से संबंधित है। यह ट्रैक न केवल झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है, बल्कि पटना एवं रांची के बीच का सबसे छोटा और अधिक सक्षम रेल संपर्क मार्ग भी है। दूसरी परियोजना 185 किलोमीटर लंबे बेल्लारी-चिकजाजुर ट्रैक के दोहरीकरण से जुड़ी हुई है।
यह ट्रैक कर्नाटक के बेल्लारी एवं चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरता है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,408 गांवों तक रेल संपर्क बढ़ेगा। इन गांवों की कुल आबादी लगभग 28.19 लाख है। सरकार ने बयान में कहा, ‘‘ये रेल मार्ग कोयला, लौह अयस्क, तैयार इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि एवं पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं। इनकी क्षमता में वृद्धि से 4.9 करोड़ टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।’’
रेलवे लाइन की बढ़ी हुई क्षमता परिवहन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बेहतर होगी। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव रेलवे परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार किए गए हैं। सरकार ने कहा कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री मोदी के नये भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो स्थानीय लोगों को व्यापक विकास के जरिये ‘आत्मनिर्भर’ बनाएंगी और उनके लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मोदी ने इस निर्णय की सराहना करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज रेलवे से संबंधित दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। विभिन्न राज्यों को कवर करने वाली ये परियोजनाएं संपर्क सुविधा में सुधार करेंगी और वाणिज्य एवं स्थिरता को भी बढ़ावा देंगी।’’ रेल मंत्रालय ने कहा कि ये परियोजनाएं बहु-आयामी संपर्क के लिए ‘पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। इससे लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए निर्बाध संपर्क सुविधा मिलेगी।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों को समाहित करने वाली दो परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 318 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।’’ मंत्रालय ने कहा कि ये परियोजनाएं देश की ‘लॉजिस्टिक’ लागत को कम करने, तेल आयात में 52 करोड़ लीटर की कमी लाने और कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 264 करोड़ किलोग्राम की कटौती करने में मदद करेंगी, जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।