रघुराम राजन बोले-गिरता रुपया अब चिंता की बात नहीं, मोदी सरकार को दी ये सलाह
By भाषा | Published: August 24, 2018 10:00 PM2018-08-24T22:00:43+5:302018-08-24T22:00:43+5:30
उन्होंने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि कैड नहीं बढ़े और राजकोषीय स्थिरता कायम रहे।
नई दिल्ली, 24 अगस्त: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि रुपये की विनिमय दर में गिरावट से अभी कोई चिंताजनक स्थित नहीं पैदा हुई है पर सरकार को बढ़ते चालू खाते के घाटे (कैड) पर ध्यान रखना होगा। गत 16 अगस्त को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 70.32 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया था। रुपये में आज सुधार हुआ और यह 20 पैसे मजबूत हो 69.91 प्रति डॉलर पर आ गया।
राजन ने कहा, ‘‘उचित तरीके से कहा जाए तो भारतीय अधिकारी राजकोषीय घाटे को नीचे लाए हैं। चालू खाते का घाटा बढ़ने की वजह कच्चे तेल के ऊंचे दाम हैं।’’ राजन ने एक टीवी चैनल से कहा कि रुपया चिंताजनक स्तर तक नीचे नहीं आया है। दुनिया भर में डॉलर मजबूत हुआ है।
राजन तीन साल तक सितंबर, 2016 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब देशों को वृहद स्थिरता को दुरुस्त करने की जरूरत है।
पुरानी श्रृंखला के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा कि अब हमें यह करना है कि आगे देखना है...अब यह 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।’’ उन्होंने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि कैड नहीं बढ़े और राजकोषीय स्थिरता कायम रहे।
बैड लोन बढ़ने से जुड़े सवाल पर राजन ने कहा कि बैंकों के प्रशासन में सुधार की जरूरत है। जुलाई में भारत का व्यापार घाटा पांच सालों के सर्वोच्च स्तर 18 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। इस वजह से चालू खाता घाटा के फ्रंट पर चिंता जाहिर की जा रही हैं। वित्त मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी ने बताया कि सरकार इस वित्तीय वर्ष के राजकोषीय लक्ष्य को हासिल कर लेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि महंगे क्रूड की वजह से चालू खाता घाटे को लेकर लक्ष्य से पीछे भी रहने की आशंका है।