राफेल विवाद: 'फ्रांस ने माफ किया था अनिल अंबानी का 11 अरब का टैक्स', कांग्रेस ने कहा- मोदी कृपा है
By भाषा | Published: April 13, 2019 03:59 PM2019-04-13T15:59:31+5:302019-04-13T15:59:31+5:30
भारतीय वायु सेना ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने का सौदा किया है। अनिल अंबानी की कंपनी इस सौदे में फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट की साझेदार है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की जगह अनिल अंबानी की कंपनी को यह ठेका दिलवाया। पीएम मोदी और बीजेपी इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते रहे हैं।
कांग्रेस ने शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते राफेल मामले को लेकर एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि ''मोदी कृपा'' से फ्रांस की सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी के अरबों रुपये का कर माफ किया।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबार 'ले मोंदे' की रिपोर्ट से 'मनी ट्रेल' का खुलासा हो गया है और यह साबित हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल मामले में 'अनिल अंबानी के बिचौलिए' का काम किया है। फिलहाल कांग्रेस के इस आरोप पर भजपा और अनिल अंबानी के समूह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबर ले मोंदे की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस सरकार ने भारतीय कारोबारी अनिल अंबानी की फ्रांस स्थित कंपनी रिलायंस एटलांटिक फ्लैग फ्रांस का करीब 14.37 करोड़ यूरो (11 अरब 24 करोड़ 99 लाख रुपये) का बकाया टैक्स भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राफेल सौदा तय होने के घोषणा करने के कुछ महीने बाद माफ कर दिया था।
रिलायंस कम्युनिकेशन ने इंडिया टुडे समूह को दी गयी प्रतिक्रिया में कहा कि फ्रांस में उनसे माँगा जा रहा है टैक्स 'गैरकानूनी था और वहन योग्य नहीं था' और उनका बकाया टैक्स फ्रांस के कानून के अनुसार हुआ था।
इससे पहले राफेल मामले में कांग्रेस की ओर से पहले लगाए गए आरोपों को सरकार एवं अनिल अंबानी समूह ने सिरे से खारिज कर दिया था। सूरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ''फ्रांस के अखबार में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। क्या मनी ट्रेल सामने आ गई है? क्या मोदी अपने मित्र डबल ए (अनिल अंबानी) के बिचौलिए के रूप में काम कर रहे हैं?
कांग्रेस ने पूछा, क्या चौकीदार की चोरी पकड़ी गई?
सुरजेवाला ने पूछा, "क्या अब चौकीदार की चोरी पकड़ी गई है?'' उन्होंने कहा, ''23 मार्च 2015 को पेरिस जाकर वहां के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिलते हैं। उस वक्त ऑफसेट साझेदार एचएएल थी। बाद में मोदी जी जाते हैं और सौदे को बदल देते हैं। 21 सितंबर 2018 को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद कहते हैं कि हमारे पास अनिल अंबानी के अलावा कोई विकल्प नहीं था।''
सुरजेवाला ने दावा किया, ''2017-18 में डबल ए की कंपानी मे दसाल्ट ने 284 करोड़ रुपये डाल दिया।'' उन्होंने कहा, ''नयी कड़ी है कि 'रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस' की स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस गलोबल कॉम बरमूडा में पंजीकृत है। फ्रांस में रिलायंस अटलांटिक फ्लैग से 15 करोड़ यूरो के कर की मांग हुई।''
सुरजेवाला ने कहा, ''10 अप्रैल 2015 को मोदी फ्रांस जाते हैं और 36 विमान खरीदने का सौदा करते हैं। इसके कुछ दिन बाद ही 14 करोड़ यूरो से अधिक का कर माफ कर दिया जाता है।'' उन्होंने दावा किया, ''यह मोदी जी की कृपा है। मोदी जी की कृपा जिस पर हो जाए उसका कुछ भी सकता है। मोदी है तो मुमकिन है।''
फ्रांस के अखबार के हवाले से आई खबरों के मुताबिक 'फरवरी और अक्टूबर 2015 के बीच, जब फ्रांस भारत के साथ राफेल सौदे पर बातचीत कर रहा था, उस दौरान अनिल अंबानी की कंपनी को फ्रांस में 14.3 करोड़ यूरो की कर छूट मिली।' गौरतलब है कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस अप्रैल 2015 में फ्रांस के साथ हुए समझौते के तहत भारत के राफेल सौदे में एक ऑफसेट साझेदार है।