10 लाख कर्मचारी आज हड़ताल पर, प्रभावित हो सकता है कामकाज
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 26, 2018 09:13 AM2018-12-26T09:13:12+5:302018-12-26T09:13:12+5:30
बैंक अधिकारियों की यूनियन ने प्रस्तावित विलय तथा वेतन संशोधन पर बातचीत को जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचाने को लेकर पिछले शुक्रवार (21 दिसंबर) को हड़ताल की थी.
विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बुधवार को हड़ताल करेंगे. छह दिनों में यह दूसरी बैंक हड़ताल है. वैसे, निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आम दिनों की तरह सामान्य रहेगा. नौ बैंक यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है.
इसमें ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लायज (एनसीबीई) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) आदि शामिल हैं. यूएफबीयू का दावा है कि उसके सदस्यों की संख्या 10 लाख से अधिक है.
एआईबीईए के महासिचव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ बैठक बेनतीजा रही इसीलिए सभी यूनियनों हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का हवाला देते हुए कहा, ''वेतन संशोधन पिछले साल नवंबर से लंबित है. अब तक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने वेतन में 8 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की है जो यूएफबीयू को स्वीकार्य नहीं है.''
वेतन संशोधन पर नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा, ‘‘वेतन संशोधन नवंबर, 2017 से लंबित है. अबतक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने वेतन में 8 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की है जो यूएफबीयू को स्वीकार्य नहीं है.