सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ 16 दिसंबर से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल, मोदी सरकार के फैसले का विरोध
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 1, 2021 08:09 PM2021-12-01T20:09:13+5:302021-12-01T20:10:45+5:30
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने एक बयान में कहा कि इसे देखते हुए यूएफबीयू ने निजीकरण के कदम का विरोध करने का फैसला किया है।
नई दिल्लीः यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ 16 दिसंबर से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
यूएफबीयू के तहत बैंकों की नौ यूनियनें आती हैं। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।
इससे पहले सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था। इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया गया है।
सरकार ने बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने एक बयान में कहा कि इसे देखते हुए यूएफबीयू ने निजीकरण के कदम का विरोध करने का फैसला किया है।