देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा प्रतिबंध!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 23, 2019 08:47 AM2019-07-23T08:47:24+5:302019-07-23T08:47:24+5:30
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिटक्वाइन के बाद अब कई आभासी मुद्राएं मसलन इथेरियम, रिप्पल और कारडानो आ गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल 2,116 आभासी मुद्राएं प्रचलन में जिनका बाजार पूंजीकरण 119.46 अरब डॉलर है.
आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाले एक अंतर मंत्रालयी समूह ने देश में निजी आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) को प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया है. साथ ही समूह ने देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि को आपराधिक ठहराने का सुझाव दिया है.
हालांकि, इसके साथ ही समूह ने एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पेश करने का भी सुझाव दिया है जिसे वैध मुद्रा माना जाए. साथ ही समूह ने कहा है कि इस डिजिटल मुद्रा का भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उचित तरीके से नियमन भी किया जाना चाहिए. समूह की यह रिपोर्ट आज जारी की गई.
सरकार ने दो नवंबर, 2017 को आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की थी. समिति को आभासी मुद्रा से संबंधित मुद्दों पर अध्ययन करने और इसके लिए कार्रवाई पर भी सुझाव देने का काम दिया गया. समिति के अन्य सदस्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, सेबी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों, उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर अंतर मंत्रालयी समूह ने देश में इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है. साथ ही समूह ने देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि आपराधिक गतिविधि करार देने और इस पर जुर्माना लगाने का भी सुझाव दिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिटक्वाइन के बाद अब कई आभासी मुद्राएं मसलन इथेरियम, रिप्पल और कारडानो आ गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल 2,116 आभासी मुद्राएं प्रचलन में जिनका बाजार पूंजीकरण 119.46 अरब डॉलर है.