कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह पिछले दो साल में बढ़ा : रपट
By भाषा | Published: November 24, 2020 09:45 PM2020-11-24T21:45:25+5:302020-11-24T21:45:25+5:30
मुंबई, 24 नवंबर समाज में लैंगिक समानता के प्रति जागरुकता बढ़ने के बावजूद एक अध्ययन में कार्यस्थलों पर महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह पिछले दो साल में बढ़ने की बात सामने आयी है।
टीमलीज की ‘कारोबार और रोजगार पर मातृत्व लाभ के प्रभाव’ रपट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत से अधिक मर्दों ने माना कि मातृत्व लाभ कानून के बावजूद कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह पिछले दो साल में बढ़ा है और यह उनकी प्रगति में बाधक है।
रपट के अनुसार जागरुकता बढ़ने के साथ ही महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अहम जिम्मेदारियां संभाल रही हैं। हालांकि उनके प्रति पूर्वाग्रह उनकी वित्तीय और पेशेवर वृद्धि में बाधक है।
रपट में 2017 में मातृत्व लाभ कानून में किए गए संशोधन के बाद कॉरपोरेट कर्मचारियों की प्रतिक्रिया और उनके अभी के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। इस कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए नियोक्ताओं ने कई कदम उठाए हैं।
यह सर्वेक्षण जून-जुलाई के दौरान 10 प्रमुख क्षेत्रों के 337 नियोक्ताओं और 614 कर्मचारियों के बीच किया गया। इसमें बीपीओ, सूचना प्रौद्योगिकी, रियल एस्टेट, ई-वाणिज्य, शिक्षा, बैकिंग, विनिर्माण, खुदरा और पर्यटन क्षेत्र के लोग शामिल हैं।
रपट में कहा गया है कि 48 प्रतिशत मर्दों ने माना कि कार्यस्थल पर महिलाओं के संघर्ष की एक बड़ी वजह लैंगिक पक्षपात में वृद्धि होना है। वहीं 54 प्रतिशत मर्दों ने माना कि यह उनके करियर की वृद्धि में एक बड़ा बाधक है।
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