PNB घोटाला: RBI ने 17 महीने पहले किया था आगाह, स्विफ्ट के दुरुपयोग से हो सकती है जालसाजी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 20, 2018 08:10 AM2018-02-20T08:10:06+5:302018-02-20T08:48:02+5:30
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर पंजाब नेशनल बैंक को 11300 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। मोदी और चौकसी जनवरी 2018 में देश छोड़कर जा चुके हैं।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की खबर आने से करीब 17 महीने पहले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को भी उसी तरीके से चूना लगाने के कोशिश की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार अपराधियों ने मैलवेयर से स्विफ्ट सिस्टम में घुसपैठ करके यूनियन बैंक को 17 करोड़ डॉलर का चूना लगा दिया था लेकिन समय रहते उस पैसे को वापस पा लिया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जुलाई 2016 में स्विफ्ट (एसडब्ल्यूआईएफटी- सोसाइटी ऑफर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) सिस्टम के दुरुपयोग को लेकर आगाह किया था। यूनियन बैंक को उस समय कोई नुकसान नहीं हुआ था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2017 में भी रिजर्व बैंक के तत्कालीन डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा ने एक सेमीनार में स्विफ्ट सिस्टिम के दुरुपयोग को लेकर बैंकों का आगाह किया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर हुए 11300 करोड़ रुपये घोटाले में आोरपियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने स्विफ्ट (एसडब्ल्यूआईएफटी- सोसाइटी ऑफर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) सिस्टम का दुरुपयोग करके ही बैंक को चूना लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोगों ने स्विफ्ट सिस्टम का दुरुपयोग करके यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को चूना लगाने की कोशिश की थी जिसके बाद रिजर्व बैंक ने ये चेतावनी जारी की थी। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने सोमवार (19 फ़रवरी) को पीएनबी घोटाले के संबंध में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में पहले से ही सीबीआई अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।पीएनबी द्वारा सीबीआई में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार बैंक के कर्मचारियों ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को नौ फ़रवरी 2017 को दो, 10 फ़रवरी को तीन और 14 फ़रवरी को तीन एलओयू जारी किया था।
सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में दो एफआईआर दर्ज की है। एक एफआईआर में नीरव मोदी एवं अन्य और उनसे जुड़ी कंपनियों को अभियुक्त बनाया गया है। दूसरी एफआईआर में नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी एवं अन्य और उनसी जुड़ी कंपनियों को अभियुक्त बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पीएनबी घोटाले में मामला दर्ज किया है। पिछले एक हफ्ते में सीबीआई और ईडी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़े 45 ठिकानों पर छापा मार चुके हैं। ईडी ने दावा किया है कि उसने नीरव मोदी से जुड़ी 5000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अब तक जब्त कर ली है।
वहीं, नीरव मोदी ने मामला सामने आने के बाद सोमवार को पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। नीरव मोदी ने पीएनबी को लिखे पत्र में कहा कि मीडिया में जितना बताया जा रहा है उतना कर्ज उसने नहीं लिया है। नीरव मोदी ने कर्ज न चुका पाने के लिए पीएनबी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बैंक की जल्दबाजी से कर्ज चुकाने के सारे रास्ते बंद हो गये।
सीबीआई ने मामले में पहली एफआईआर 31 जनवरी 2018 को दर्ज की थी। नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और उनके अन्य करीबी परिजन जनवरी के पहले हफ्ते में ही देश छोड़कर जा चुके थे। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नीरव मोदी इस समय न्यूयॉर्क के एक आलीशान होटल में रुका हुआ है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी के ठिकाने के बारे में जानकारी होने से इनकार किया।
विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है। मंत्रालय ने दोनों को एक हफ्ते की मोहलत दी ताकि वो अपना पक्ष रख सकें। मंत्रालय के अनुसार अगर दोनों अभियुक्तों ने दिए गये मियाद में जवाब नहीं दिया तो उनका पासपोर्ट हमेशा के लिए रद्द किया जा सकता है।