PNB घोटाला: पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी समेत तीन गिरफ्तार, नीरव मोदी को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाने का आरोप
By स्वाति सिंह | Published: February 17, 2018 12:25 PM2018-02-17T12:25:06+5:302018-02-17T13:20:32+5:30
सीबीआई पीएनबी से 11300 करोड़ रुपये घोटाले की जाँच कर रही है। हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी मामले में मुख्य अभियुक्त हैं।
मुंबई, 17 फरवरी: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई ने शनिवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमे पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्ठी, मनोज खरात (पूर्व पीएनबी अधिकारी) और हेमंत भट्ट को गिरफ्तार किया। तीनों आरोपी को आज मुंबई सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा।
CBI has arrested Gokulnath Shetty then Dy Manager (now Retd) Punjab National Bank and Manoj kharat, SWO(single window operator) PNB and Hemant Bhat, Authorised Signatory of the #NiravModi Group of Firms. They will be produced today before CBI special court Mumbai pic.twitter.com/ASd5kGtSbx
— ANI (@ANI) February 17, 2018
बता दें कि सीबीआई ने गुरुवार (15 फ़रवरी) को मेहुल चौकसी के खिलाफ ताजा एफआईआर दर्ज की। मेहुल चौकसी नीरव मोदी के मामा लगते हैं। मेहुल चौकसी से जुड़ी तीन कंपनियों पर पीएनबी को 143 एलओयूकी मदद से 4886.72 करोड़ रुपये चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ आठ एलओयू के जरिए 280.70 करोड़ रुपये की जालसाजी का आरोप है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पहले ही देश छोड़ चुके हैं। दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी की गई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (16 फ़रवरी) को नीरव मौदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट चार हफ्ते के लिए रद्द कर दिया। दोनों को एक हफ्तें में विदेश मंत्रालय को जवाब देने के लिए कहा गया है ताकि उनका पासपोर्ट हमेशा के लिए न रद्द किया जाए।
इंडियन एक्सप्रेस ने सीबीआई के सूत्रों के हवाले से कहा है कि नीरव मोदी और उनके रिश्तेदार बैंकों को पुराने एलओयू की जगह नए एलओयू जारी करवा कर चूना लगाते रहे। रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने साल 2017 में अपने कई पुराने एलओयू को दोबारा जारी करवाया। सीबीआई ने शुक्रवार को पीएनबी के चार अधिकारियों से पूछताछ की। पीएनबी ने अपने 18 अधिकारियों को घोटाले में शामिल होने के शक में निलंबित किया है। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें जनरल मैनेजर स्तर के भी अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई जिन लोगों से पूछताछ कर रही है उनमें से ज्यादातर से नीरव मोदी एवं अन्य को साल 2014 से 2017 की मदद करने के बारे में पूछताछ कर रही है।