राज्यसभा में विपक्ष का अलोकतांत्रिक व्यवहार साबित करता है कि कृषि कानूनों में कुछ भी गलत नहीं: तोमर

By भाषा | Updated: August 10, 2021 23:03 IST2021-08-10T23:03:04+5:302021-08-10T23:03:04+5:30

Opposition's undemocratic behavior in Rajya Sabha proves nothing wrong with agriculture laws: Tomar | राज्यसभा में विपक्ष का अलोकतांत्रिक व्यवहार साबित करता है कि कृषि कानूनों में कुछ भी गलत नहीं: तोमर

राज्यसभा में विपक्ष का अलोकतांत्रिक व्यवहार साबित करता है कि कृषि कानूनों में कुछ भी गलत नहीं: तोमर

नयी दिल्ली, 10 अगस्त कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र के मुद्दों पर राज्यसभा में अल्पावधि चर्चा के दौरान हंगामा करने को लेकर विपक्ष की तीखी आलोचना की। संसद के बाहर उन्होंने कहा कि कांग्रेस, टीएमसी और आप का अलोकतांत्रिक व्यवहार साबित करता है कि नए कृषि कानूनों में कुछ भी गलत नहीं है बल्कि समस्या इन विपक्षी दलों की सोच में है।

उन्होंने कहा कि सरकार उनकी आलोचनाओं और सुझावों को सुनने के लिए तैयार है और अगर कृषि मुद्दों पर चर्चा हुई होती तो नीतियों में संशोधन के लिए भी तैयार थी।

उच्च सदन में, विपक्ष ने जोरदार विरोध किया जब कृषि मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उसके अनुरोध को अल्पावधि चर्चा में तब्दील कर दिया गया।

जब शोरगुल के बीच चर्चा चल रही थी, तब प्रदर्शनकारी सदस्य नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के सामने आ गए। विरोध करने वाला एक सदस्य तो महासचिव की मेज पर भी चढ़ गया।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस ‘‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’’ ने लोकतंत्र को चोट पहुंचाई है। तोमर ने कहा, ‘‘कृषि पर चर्चा शुरु होने पर सदन में कांग्रेस, टीएमसी और आप के अलोकतांत्रिक व्यवहार की मैं निंदा करता हूं।’’

तोमर ने कहा कि यदि विपक्षी सदस्य किसानों और खेती के बारे में चिंतित होते तो वे चर्चा में भाग लेते और विरोध करने के बजाय अपने विचार रखते।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी आलोचना और उनके सुझावों को सुनने के लिए तैयार थे। अगर उन सुझावों के आधार पर नीतियों में संशोधन किया जाना था, तो सरकार उसके लिए भी तैयार थी।’’

तोमर ने आगे कहा कि उच्च सदन ने कोविड -19 मुद्दे पर चर्चा की और सरकार चाहती है कि कृषि पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि यह सभी के जीवन से जुड़ा है। हालांकि, कृषि पर चर्चा के दौरान सदन में विपक्ष के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार ने भारतीय लोकतंत्र को चोट पहुंचाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज विपक्ष के इस कदम से, एक बार ... सिद्ध हो गया है कि कृषि सुधार कानूनों में काला कुछ भी नहीं है। विपक्ष के कपडे में कालापन दिखाई देता है।’’

तोमर ने कहा कि विपक्ष झूठ बोलकर देश को गुमराह करना चाहता है। उसका मकसद स्वार्थी इरादे से वोट बैंक की राजनीति और परिवार आधारित राजनीति करना है।

मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं और कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिससे सभी क्षेत्र में विकास हुआ है और किसानों के जीवन में समृद्धि आई है।

उच्च सदन में हुए हंगामे की निंदा करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष ने मांग की थी कि कृषि मामलों पर चर्चा की जाए और सभापति ने इसे स्वीकार कर लिया।

उन्होंने कहा,‘‘ ...हमने कभी ऐसा व्यवहार नहीं देखा।’’ उन्होंने जानना चाहा कि आखिर कांग्रेस और उसके सहयोगी क्या चाहते हैं।

जोशी ने कहा कि सरकार कृषि संकट पर चर्चा के लिए तैयार है, उन्होंने कहा कि लोकसभा में पारित किया जा रहा ओबीसी विधेयक उनके द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है।

आठ महीने से, मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

सरकार और यूनियनों ने गतिरोध को तोड़ने और किसानों के विरोध को समाप्त करने के लिए 11 दौर की बातचीत की है, आखिरी बार 22 जनवरी को बातचीत हुई है। 26 जनवरी को किसानों के विरोध में एक ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा के बाद बातचीत रुक गई है।

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Web Title: Opposition's undemocratic behavior in Rajya Sabha proves nothing wrong with agriculture laws: Tomar

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