NPS Vatsalya Scheme: क्या है ‘एनपीएस वात्सल्य’, नई पेंशन योजना से किसे फायदा और कैसे उठाएं लाभ, जानिए
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 23, 2024 16:43 IST2024-07-23T16:32:44+5:302024-07-23T16:43:14+5:30
NPS Vatsalya Scheme: नाबालिग के वयस्क होने के बाद माता-पिता योजना को सामान्य राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खाते में बदल सकते हैं।

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NPS Vatsalya Scheme: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ शुरू करने की घोषणा की। एक नई पेंशन योजना है, जो नाबालिगों के लिए बचत की सुविधा देती है। वित्त मंत्री ने संसद में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। बच्चे के वयस्क होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने मार्च, 2023 में एनपीएस लाभ को बेहतर बनाने के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था। वयस्क की आयु प्राप्त करने पर योजना को मूल रूप से परिवर्तित किया जा सकता है।
नाबालिग के वयस्क होने के बाद माता-पिता योजना को सामान्य राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खाते में बदल सकते हैं। एनपीएस वात्सल्य परिवारों को अपने बच्चों की भविष्य की वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने के लिए एक संरचित तरीका प्रदान करता है। इस योजना में निवेश करके माता-पिता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके बच्चों के वयस्क होने पर उनकी वित्तीय जरूरतों के लिए एक ठोस आधार होगा।
इसे पीएफआरडीए अधिनियम, 2013 के तहत पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित और प्रशासित किया जाता है। एनपीएस वात्सल्य की शुरुआत के साथ सरकार नाबालिगों को शामिल करने के लिए एनपीएस का दायरा बढ़ा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आयकर प्रावधानों में कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी। मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव बजट में रखा गया। वित्त मंत्री की इन घोषणाओं को नौकरीपेशा लोगों के हाथ में कुछ और पैसा देने की कोशिश माना जा रहा है।
इससे खपत को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। सीतारमण ने कहा कि बजट में किये गये बदलावों से नई कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों को 17,500 रुपये तक की कर बचत हो सकती है। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये सालाना करने का प्रस्ताव किया गया है।
इसी तरह पेंशनधारकों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये का भी प्रस्ताव है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘इस कदम से लगभग चार करोड़ कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में दो-तिहाई से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को चुना है।
पिछले वित्त वर्ष में 8.61 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये। नई आयकर व्यवस्था के तहत कर के नए स्लैब एक अप्रैल, 2024 (आकलन वर्ष 2025-26) से प्रभावी होंगे। सीतारमण ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट मिलती रहेगी।
प्रस्ताव के मुताबिक, तीन से सात लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, सात से 10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 10-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर लगेगा। हालांकि, 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर पहले की तरह 30 प्रतिशत कर लगता रहेगा।
नई आयकर व्यवस्था के मौजूदा प्रावधानों के तहत तीन से छह लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाता है। जबकि छह से नौ लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत कर लगता है। वहीं, नौ से 12 लाख रुपये और 12 से 15 लाख रुपये के बीच की आय पर क्रमशः 15 प्रतिशत और 20 प्रतिशत कर लगता है। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगता है।