देश की सरकारी तेल कंपनियों को मोदी सरकार निजी हाथों में देने को तैयार, विदेशी कंपनियों को किया आमंत्रित
By रामदीप मिश्रा | Published: November 12, 2019 06:20 PM2019-11-12T18:20:34+5:302019-11-12T18:20:34+5:30
भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ताओं में से एक है, जिसकी लगभग 80 प्रतिशत मांग आयात से पूरी होती है।
देश के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा फर्मों को भारत के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों के निजीकरण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ह्यूस्टन में ऊर्जा कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी, जिनमें एक्सॉन मोबिल कॉर्प, बीपी पीएलसी, रॉयल डच शेल, रोजनेफ्ट ऑयल कंपनी, सऊदी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) शामिल हैं।
यह पहला मौका है जब प्रधान ने देश की सरकारी तेल कंपनियों में विदेशी निवेश लाने के सरकार के इरादे का संकेत दिया है। अबू धाबी में आयोजित एक सम्मेलन में संवाददाताओं से प्रधान ने कहा हम तेल की बड़ी कंपनियों को आमंत्रित कर रहे हैं। इसको लेकर वह काफी उत्साहित हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने कहा कि अरामको और एडनॉक की साझेदारी में भारत के पश्चिमी तट पर एक नियोजित तेल रिफाइनरी सही रास्ते पर है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में एक बार नई सरकार बनने के बाद और अधिक स्पष्टता होगी, जहां इस परियोजना लेकर हाल के चुनावों के बाद गतिरोध उत्पन्न है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अरामको और एडनॉक के साथ एक फर्म डील जल्द हो सकती है। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है। हालांकि उन्होंने समय सीमा को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बता दें कि भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ताओं में से एक है, जिसकी लगभग 80 प्रतिशत मांग आयात से पूरी होती है।