रिलायंस रिटेल के कारण अमेज़न और फ्लिप्कार्ट-वालमार्ट को लग सकता है झटका, खत्म होगी ई-कॉमर्स मार्केट में मोनोपॉली: रिपोर्ट

By विकास कुमार | Published: May 21, 2019 04:12 PM2019-05-21T16:12:15+5:302019-05-21T16:12:15+5:30

मुकेश अंबानी के ई-कॉमर्स सेक्टर में उतरने से पहले ही सरकार ने इस क्षेत्र के नियम विदेश प्लेयर्स के लिए कड़े कर दिए जिससे अमेज़न और फ्लिप्कार्ट-वालमार्ट को एक्सक्लूसिव डील सहित कई अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है. यह परिस्थिति मुकेश अंबानी के फेवर में जा रहा है.

Mukesh Ambani Reliance retail will damage flipkart and amazon in online retail segment | रिलायंस रिटेल के कारण अमेज़न और फ्लिप्कार्ट-वालमार्ट को लग सकता है झटका, खत्म होगी ई-कॉमर्स मार्केट में मोनोपॉली: रिपोर्ट

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Highlightsभारत के ऑनलाइन ई-कॉमर्स मार्केट पर 39 फीसदी फ्लिप्कार्ट का कब्ज़ा है और 31 फीसदी अमेज़न का कब्ज़ा है. 2003 में रिलायंस ने टेलिकॉम सेक्टर में पदार्पण किया.रिलायंस पूरे देश में 50 लाख किराना दुकानों को डिजिटलीकरण करेगा.

मुकेश अंबानी अब जियो के बाद देश के ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की तस्वीर बदलने जा रहे हैं. रिलायंस रिटेल के जरिये ऑनलाइन मार्केट में उतरने की तैयारी कर रहे मुकेश अंबानी इस मार्केट में स्थापित पुरानी कंपनियों को जबरदस्त चुनौती पेश करने जा रहे हैं. 

फौरेस्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी इस क्षेत्र में उतरने से पुरानी कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इसका कारण है कि रिलायंस के पास ऑफलाइन रिटेल सेक्टर का एक बड़ा चेन पहले से उपलब्ध है. देश में रिलायंस के 10, 500 ऑफलाइन स्टोर हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक भारत में ऑनलाइन रिटेल मार्केट 85 बिलियन डॉलर को पार कर जायेगा. वित्त वर्ष 2018-19 में रिलायंस रिटेल का राजस्व 1 लाख 30 हजार करोड़ के पार पहुंच गया. रिलायंस रिटेल भारत की पहली कंपनी है जिसने ये आंकड़ा छुआ है. वहीं, इसी वित्त वर्ष में रिलायंस रिटेल का शुद्ध मुनाफा 6200 करोड़ के पार कर गया. 

ई-कॉमर्स में मुकेश अंबानी का पदार्पण 

मुकेश अंबानी के ई-कॉमर्स सेक्टर में उतरने से पहले ही सरकार ने इस क्षेत्र के नियम विदेश प्लेयर्स के लिए कड़े कर दिए जिससे अमेज़न और फ्लिप्कार्ट-वालमार्ट को एक्सक्लूसिव डील सहित कई अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है. यह परिस्थिति मुकेश अंबानी के फेवर में जा रहा है. क्योंकि रिलायंस किसी भी सेक्टर में उतरने से पहले सस्ते विकल्प के जरिये मार्केट शेयर को कैप्चर करता रहा है. 

2003 में रिलायंस ने टेलिकॉम सेक्टर में पदार्पण किया. इसके पहले तक 1 मिनट के कॉल के 2 रुपये देने होते थे लेकिन रिलायंस के मानसून ऑफर ने इसे 40 पैसे प्रति मिनट की दर से रिचार्ज उपलब्ध कर मार्केट को अपने पाले में कर लिया था. इसके बाद 2016 में जियो लांच करने के बाद सस्ते मोबाइल दर और फ्री इन्टरनेट ने भारत के टेलिकॉम सेक्टर में एक रेवोलुशन को महसूस किया. 

पिछले दिनों ही खबर आई थी कि रिलायंस पूरे देश में 50 लाख किराना दुकानों को डिजिटलीकरण करेगा. एक अनुमान के मुताबिक भारत में कुल 17 मिलियन किराना दूकान हैं. रिलायंस के जरिये मुकेश अंबानी भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर को ग्रामीण भारत की तरफ मोड़ना चाहते हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि उनकी कंपनी किसी भी व्यापार को करने से पहले सोशल इम्पैक्ट का अध्ययन जरूर करती है. 

फिलहाल भारत के ऑनलाइन ई-कॉमर्स मार्केट पर 39 फीसदी फ्लिप्कार्ट का कब्ज़ा है और 31 फीसदी अमेज़न का कब्ज़ा है. 


 

Web Title: Mukesh Ambani Reliance retail will damage flipkart and amazon in online retail segment

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