कोरोना वायरस के चलते वैश्विक मंदी की आशंका, मूडीज ने भारत की वृद्धि दर घटाकर 2.5 फीसदी किया
By निखिल वर्मा | Published: March 27, 2020 11:19 AM2020-03-27T11:19:30+5:302020-03-27T11:19:30+5:30
मूडीज ने कहा है कि अनुमानित वृद्धि दर के हिसाब से भारत में 2020 में आय में तेज गिरावट हो सकती है। इससे 2021 में घरेलू मांग और आर्थिक स्थिति में सुधार की दर पहले से अधिक प्रभावित हो सकती है।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने भारत की वर्ष 2020 की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान घटा कर 2.5 प्रतिशत किया। इससे पहले 17 मार्च 2020 को मूडीज ने भारतीय की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.3 फीसदी किया था। शुक्रवार (27 मार्च) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक माहौल को देखते हुए अगले साल के लिए आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान नहीं लगाया है। साथ ही आरबीआई गर्वनर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर असर होगा और वैश्विक मंदी की आंशका है
जी-20 देशों में मंदी आने का अनुमान
इससे पहले 25 मार्च को वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कोरोना वायरस संकट के चलते जी-20 समूह देशों में इस साल मंदी आने का अनुमान जताया है। मूडीज ने अनुमान जताया है कि जी-20 समूह देशों का सब मिलाकर सकल घरेलू उत्पाद 2020 में 0.5 प्रतिशत घटेगी। इसमें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में दो प्रतिशत और यूरोजोन (यूरो को मुद्रा के तौर पर अपनाने वाले देश) की अर्थव्यवस्था में 2.2 प्रतिशत का सिकुड़न होगा। हालांकि कोरोना वायरस का प्रमुख केंद्र होने के बावजूद उसकी अर्थव्यवस्था का 3.3 प्रतिशत विस्तार होने की संभावना है।
कोरोना वायरस के चलते हो रहा है असर
मूडीज के अनुसार कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने का ठीक-ठाक आर्थिक असर होगा। प्रभावित देशों में इससे घरेलू मांग पर असर हो रहा है, आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है और एक देश से दूसरे देश में होने वाला व्यापार घट रहा है। मूडीज ने कहा, ‘‘ये व्यवधान जितना लंबा खीचेंगे, वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम उतना अधिक होगा।’’ इसके अलावा एविएशन, टूरिज्म, होटल व्यवसाय, क्रूज लाइनर और रेस्तरां व्यापार पर सबसे ज्यादा जोखिम मंडरा रहा है।